Kerala: केरल की एक कोर्ट ने मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को राज्य के मलप्पुरम (Malappuram) में अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के लिए एक व्यक्ति को तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत बलात्कार, गंभीर यौन उत्पीड़न और यौन हमले के साथ-साथ पीड़िता को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया था।
मंजेरी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (Manjeri Fast Track Special Court) के न्यायाधीश राजेश के ने उस व्यक्ति को दोषी ठहरातया और उसे POCSO एक्ट के तहत अपराधों के लिए तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ए सोमसुंदरन के अनुसार, ‘कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी पूरी उम्र जेल में रहेगा।
कोर्ट ने आरोपी पर लगाया 6.6 लाख रुपये का जुर्माना
एसपीपी ने यह भी बताया कि कोर्ट ने आरोपी पर 6.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता के साथ बलात्कार की पहली घटना मार्च 2021 में हुई जब घर में कोई नहीं था।
अभियोजक ने कहा कि जब पीड़िता 15 साल की थी और कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं और पीड़िता पढ़ रही थी, तभी उसके पिता ने उसे अपने बेडरूम में खींच लिया और उसके साथ बलात्कार किया। एसपीपी ने कहा कि जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो उसने उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी। आरोपी एक मदरसे में शिक्षक था। उसने 2021 तक अपनी बेटी के साथ कई बार बलात्कार किया
नवंबर 2021 में जब कक्षाएं प्रॉपर तरीके से फिर शुरू हुईं तो पीड़िता ने स्कूल जाना शुरू किया और उस दौरान पेट में कुछ दर्द हुआ, जिसके लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
एसपीपी ने आगे कहा कि जनवरी 2022 में फिर से पेट में दर्द की शिकायत के बाद जब उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो उसने अपनी आपबीती बताई। तब पता चला कि वह गर्भवती थी। इसके बाद मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।
डीएनए जांच से मामले का हुआ खुलासा
पीड़िता के गर्भ को चिकित्सकीय तरीके साथ खत्म कर दिया गया और भ्रूण, लड़की और उसके पिता के डीएनए नमूने एकत्र किए गए। एसपीपी ने कहा कि डीएनए जांच से साबित हुआ कि लड़की के पिता ने ही उसके साथ बलात्कार किया था। उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसकी मां के बयानों के साथ डीएनए सबूत आरोपी को दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण थे।