Arif Mohammad Khan: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार (14 जनवरी) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के ताजा बयान का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हमारा आचरण संविधान के अनुकूल होना चाहिए। दरअसल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि देश में इस्लाम को कोई खतरा नहीं है।
संघ प्रमुख ने अपने बयान में कहा था कि मुस्लिमों खुद के बड़े होने का भाव त्यागना होगा। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान से पैदा हुए संदेहों को दूर करने की कोशिश करते हुए आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने कहा कि हमारा आचरण हमारे संविधान के अनुकूल होना चाहिए। बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान शनिवार को अलीगढ़ के हैवीटैट सेंटर में कल्याण सिंह की जयंती समारोह में पहुंचे थे।
इस दौरान केरल राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “भागवत जी ने जो कहा कि उसका मतलब है कि आज जो हमारा संविधान है, उसके अनुकूल हमारा आचरण होना चाहिए। किसी को यह अधिकार नहीं है कि कोई पैदाइश के आधार पर खुद को बड़ा और दूसरे को छोटा समझने का अधिकार नहीं है।”
आरिफ खान ने कहा, “भागवत ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि जन्म के आधार पर किसी को भी प्रभुत्व का दावा करने का अधिकार नहीं है।’’
क्या कहा था RSS प्रमुख ने:
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा था, “हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने एवं साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति है।” उन्होंने कहा कि हिन्दुस्थान, हिन्दुस्थान बना रहे, सीधी सी बात है। इस विचार से भारत में जो आज मुसलमान हैं, उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं है। वो रहना चाहते हैं, वो रहें। अपने पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं, ये उनके मन पर है।
भागवत ने कहा था, “इस्लाम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन हम बड़े हैं, हम एक समय राजा थे और हम फिर से राजा बने, ऐसा भाव छोड़ना पड़ेगा।” भागवत ने कहा, “ऐसा सोचने वाला अगर कोई हिन्दू या कम्युनिस्ट भी है तो उनको भी इस विचार को छोड़ना पड़ेगा।” वहीं केरल राज्यपाल ने कहा कि भागवत के बयान का यह मतलब नहीं था कि मुसलमानों को देश में दूसरे दर्जे के नागरिक का दर्जा दिया जाना चाहिए।”