भाजपा ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर शनिवार (7 मई) को यह कहते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी पर हमला किया कि 2010 में जब इस विदेशी कंपनी को यह अनुबंध मिला था तब उनके पास रक्षा मंत्रालय था, इसलिए उन्हें यह बताना चाहिए कि वायुसेना को वीवीआइपी हेलिकॉप्टर देने के इस विवादास्पद सौदे के लिए कौन मुख्य मुख्य भूमिका में था।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर से जब पूछा गया कि क्या एंटनी भी भारतीय वायुसेना के लिए 12 एडब्लू 1010 वीवीआइपी हेलिकॉप्टर की आपूर्ति के लिए फिनमकेनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ समझौते के लिए जिम्मेदार हैं, उन्होंने कहा- निश्चित ही। वरिष्ठ भाजपा नेता ने यहां एर्नाकुलम प्रेस क्लब में पत्रकारों से कहा कि एसपी त्यागी 2007 में वायुसेना प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। अनुबंध 2010 में दिया गया।
एंटनी को बताना चाहिए कि इस अनुबंध के पीछे कौन था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सौदे को लेकर इटली में अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख गुईसेप्पी ओरसी को गिरफ्तार करने के बाद वह सीबीआइ जांच का आदेश देने को बाध्य थे। प्रसाद ने कहा- एंटनी के पास विकल्प नहीं था।
केरल में 16 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में राजग उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने आए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एंटनी ने इस सौदे की सीबीआइ जांच का आदेश तो दे दिया लेकिन उपयुक्त जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि दो लोगों- पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन और पूर्व एसपीजी प्रमुख बीवी वांचू की गवाही सीबीआइ जांच में महत्त्वपूर्ण थी।
प्रसाद ने कहा कि सीबीआइ ने जब इन दोनों से पूछताछ का अनुरोध किया था, तब वे राज्यपाल (नारायणन व वांचू क्रम से पश्चिम बंगाल व गोवा के राज्यपाल थे) बने थे। राज्यपाल से पूछताछ में कोई संवैधानिक रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे पास एंटनी के लिए राजनीतिक सवाल है। उन्हें बताना चाहिए कि कौन उनका हाथ पकड़े था। आप कहते हैं कि रिश्वत दी गई और रिश्वत देने वाले इटली में दोषी पाए गए हैं तो रिश्वत लेने वाले भी होंगे। रिश्वत लेने वालों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई।