Jammu and Kashmir DDC Elections: कश्मीर (Kashmir) में जिला विकास परिषद (DDC) की दो सीटों पर हो रहे चुनाव में सज्जाद लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस पार्टी कलम और दवात (चुनाव चिन्ह) के लिए वोट मांग रही है। जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का भी चुनाव चिन्ह कलम और दवात है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं और अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।
Pok के उम्मीदवारों ने लड़ लिया था चुनाव
कुपवाड़ा की द्रुगमुल्ला सीट और बांदीपुर की हाजिन सीट पर सोमवार को मतदान हो रहा है। इस सीटों पर 2021 में मतदान को हो चुके हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे अमान्य घोषित कर दिया। दरअसल दो उम्मीदवार सोमिया सदफ और शाज़िया असलम ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यहां से चुनाव लड़ा था और जीते थे। लेकिन दोनों पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से थे। इसलिए चुनाव आयोग ने यहां हुए चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया।
सदफ और शाज़िया असलम की शादी कश्मीरी पुरुषों से हुई है, जो हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान चले गए थे और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की पुनर्वास नीति के तहत घाटी लौट आए थे। जबकि उनके नामांकन पत्र स्वीकार कर लिए गए थे और मतदान हुआ था। लेकिन जब उनकी उम्मीदवारी के बारे में शिकायत हुई तब मतगणना रोक दी गई।
दिसंबर 2020 में जब डीडीसी के लिए चुनाव हुए थे, तब सजाद लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की पीपुल्स अलायंस का हिस्सा थी, जिसने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। ड्रगमुल्ला में पीएजीडी ने फैयाज अहमद मीर की रिश्तेदार शबनम लोन को मैदान में उतारा था, जो पीडीपी नेता और पूर्व में सांसद थे। पीडीपी से आने वाली शबनम को पार्टी का कलम और दवात का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था।
पीडीपी के ताहिर सईद ने कहा, ”ताजा चुनाव के बजाय पुनर्मतदान के आदेश से सारा भ्रम पैदा हो गया क्योंकि समय के साथ उम्मीदवारों ने अपनी पार्टी बदल दी है लेकिन वे अपना चुनाव चिन्ह नहीं बदल सकते हैं।” चुनावों के बाद सजाद लोन ने पीएजीडी से नाता तोड़ लिया और फैयाज अहमद मीर और उनकी रिश्तेदार शबनम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में चली गईं। लेकिन यह केवल पुनर्मतदान है, इसलिए उनका चुनाव चिन्ह कलम और दवात बना हुआ है।