ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा है कि वह उनके विभाग के कामकाज में दखल देते हैं। इसे लेकर मंत्री ने राज्यपाल और बीजेपी नेतृत्व से शिकायत भी की है। राज्यपाल वजुभाई वाला को लिखे पत्र में ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा पर कर्नाटक व्यापार का लेन-देन नियम 1977 का उल्लंघन करते हुए अपने मंत्रालय में सीधे हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनके विभाग से बिना अनुमति लिए 774 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में एक जिले के लिए उनके विभाग से 65 करोड़ रुपये आवंटित किए और इस दौरान उन्होंने बाकी जिलों को नजरअंदाज किया। मंत्री ने कहा कि दुख की बात ये है कि सीएम ने जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज करते हुए ये आदेश जारी किए। मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा जारी रहा तो न जाने वे मंत्री के तौर पर काम कर भी पाएंगे या नहीं।
मंत्री ईश्वरप्पा ने अपने पत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा को भी भेजी है। इसको लेकर विपक्ष ने कर्नाटक सरकार को घेरा है। कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि येदियुरप्पा सरकार के बारे में हमेशा से जो कहा जाता है, अब उनके ही मंत्री उस बात को साबित कर रहे हैं।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “ये चोरी किए गए जनादेश के जरिए पैदा हुई एक गैरकानूनी सरकार है, जो भ्रष्टाचार में लगी हुई है. केवल एक आदमी की सेवा करने के लिए एक सत्तावादी फैशन में चलाया जाता है। इसे दरवाजा दिखाया जाना चाहिए।”