बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की मौजूदगी में बीजेपी के पूर्व एमएलसी बाबूराव चिंचानसुर बुधवार (222 मार्च) को कांग्रेस में शामिल हो गए। इसे पहले सोमवार को बाबूराव चिंचानसुर ने भाजपा से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा विधानपरिषद के सभापति बासवराज होरत्ती को सौंपा था।
मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने में अहम भूमिका
बाबूराव चिंचानसुर बीजेपी से टिकट के दावेदार थे लेकिन उन्हें विधायक का टिकट देने से पार्टी ने इनकार कर दिया था क्योंकि वह वर्तमान में एमएलसी हैं। बाबूराव चिंचानसुर 2019 के लोकसभा चुनाव में AICC अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने में अहम भूमिका निभाने वालों में से एक माने जाते हैं। चिंचानसुर कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में कोली-कबालिगा समुदाय के एक प्रमुख नेता हैं।
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए थे शामिल
बाबुराव चिंचानसुर ने 2008 से 2018 तक कालाबुरगी जिले में गुरमित्कल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। इससे पहले वह सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद वह 2018 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा नेता के रूप में, उन्हें गुलबर्गा (कालाबुरगी) लोकसभा क्षेत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख नेताओं में से देखा जाता है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले उमेश जाधव ने खड़गे को मात दी थी।
बाबूराव चिंचानसुर के भाजपा छोड़ने से कोई असर नहीं- बसवराज बोम्मई
इसे पहले मार्च 2023 की शुरुआत में एक अन्य भाजपा एमएलसी पुत्तन्ना ने विधान परिषद से इस्तीफा दिया था और कांग्रेस में शामिल हुए थे। इस मामले पर जब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चिंचानसुर कांग्रेस से आए थे और उसी पार्टी में वापस जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा मजबूत स्थिति में है और बाबूराव चिंचानसुर के पार्टी छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ेगा।
वहीं, इस मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, “कुछ दिन पहले, चिंचानसुर और उनकी पत्नी मेरे पैरों पर गिर गए और कसम खाई कि वे कहीं नहीं जाएंगे और हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं।” येदियुरप्पा ने कहा कि हो सकता है कि वो किसी दबाव के सामने झुक गए हों।