कर्नाटक में कोविड-19 को लेकर लगातार लापरवाही की शिकायतों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। बड़ी बात यह है कि एक तरफ सरकार कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करने की अपील कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक सरकार में मंत्री उमेश कुट्टी ने मास्क पहनने से ही इंकार कर दिया। जबकि आम लोगों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
उन्होंने का कहना है कि मास्क पहनने के लिए कोई दबाव नहीं है, यह स्वेच्छा पर निर्भर है। अपने दावे को साबित करने के लिए उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिया और कहा कि “उन्होंने कहा था कि मास्क पहनने के संबंध में कोई प्रतिबंध या आत्म-जिम्मेदारी नहीं है। यह पहनने या न पहनने का एक व्यक्तिगत निर्णय है।” उमेश कट्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले और वन विभाग के मंत्री हैं।
इससे पहले, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार उस समय सुर्खियों में थे, जब उन्होंने कांग्रेस के मेकेदातु मार्च के पहले दिन अस्वस्थ होने के बाद कोविड -19 के परीक्षण से इनकार कर दिया था।
इस बीच कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 से संबंधित गलत जानकारी का कथित रूप से प्रसार करने को लेकर कुछ चिकित्सकों को कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य एवं परिवार सेवा आयुक्तालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कुछ चिकित्सक कोविड-19 के बारे में कथित तौर पर अधूरी, गलत और निराधार जानकारी दे रहे हैं।
बयान में कहा गया है, “इस तरह की गलत सूचना राज्य में मौजूदा कोविड परिदृश्य को लेकर लोगों में भ्रम पैदा करती है और उन्हें स्वास्थ्य और राजस्व अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों से भटकने के लिए प्रोत्साहित करती है।” चिकित्सकों को कोरोना वायरस पर जनता के साथ संवाद करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की ताकीद करते हुए, आयुक्तालय ने उनसे कहा कि मीडिया या सोशल मीडिया पर कोई भी टिप्पणी करने से पहले सरकारी दिशानिर्देशों, परिपत्रों और आदेशों को अच्छी तरह से देख लें।
बयान में कहा गया है, “ऐसे मंचों पर साझा की गई कोविड -19 से संबंधित किसी भी तरह की गलत सूचना या गैर-तथ्यात्मक आंकड़े को अपराध माना जाएगा और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 और कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम 2020 की धारा 4 (के) के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी।”