लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर पर छिड़े विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी देवी के बारे में अपनी टिप्पणियों से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। इस बीच न्यूज़ चैनल आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने सवाल उठाया कि महुआ मोइत्रा पर पश्चिम बंगाल में कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?
भाजपा नेता ने कहा कि टीएमसी उन्हें दंडित करने की प्रक्रिया क्यों नहीं आरंभ कर रही है? भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा, “मैं पूरे बंगाल के सभी विद्वानों को चैलेंज करता हूं कि वो साबित करें कि LGBTQ का पोस्टर मां काली की प्रतिमा के ऊपर लगाना कैसे उनका अपमान नहीं है?” उन्होंने कहा कि महुआ ने लीना मणिमेकलई का समर्थन किया है। प्रेम शुक्ला ने कहा, “अगर उनके ऊपर कोई कार्यवाई नहीं की गयी, उन्हें बंगाल में गिरफ्तार नहीं किया गया तो इसका मतलब है कि आप सेक्युलरिज़्म का पाखंड करते हैं।”
पोस्टर विवाद से कोई लेनदेना नहीं: इस बारे में TMC प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा, “महुआ मोइत्रा ने खुद कहा है कि उनके ट्वीट का पोस्टर विवाद से कोई लेनदेना नहीं है। वह लीना मणिमेकलई का समर्थन नहीं कर रही हैं।” उन्होंने कहा, “उस पोस्टर का हम या सनातन चेतना को मानने वाला कोई व्यक्ति समर्थन कर ही नहीं सकता है। हमने महुआ मोइत्रा के बयान का शुरुआत में ही खंडन किया है।”
टीएमसी कार्यवाई क्यों नहीं कर रही: पैनल में मौजूद वकील अश्विनी उपाध्याय ने सवाल उठाया कि टीएमसी उनपर कार्यवाई क्यों नहीं कर रही है? क्या वो संविधान से ऊपर हैं? जिसके जवाब में टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, “संविधान सर्वोपरि है उसके ऊपर किसी के होने की कोई सोच भी नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट को भी ट्रोल किया जाने लगा था वो भी गौर करने लायक है।
दरअसल, महुआ मोइत्रा ने कहा था, “ये आपके ऊपर है कि आप मां काली को किस रूप में लेते हैं। मेरे लिए तो मां काली मांसाहारी और शराब पीने वाली देवी हैं। मुझे इस फिल्म के पोस्टर से कोई आपत्ति नहीं है।” डिबेट के दौरान प्रेम शुक्ला ने कहा, “संविधान और कानून के अनुपालन में, पंथ के, धर्म के और समुदाय की भावनाओं को आहत उद्देश्यपूर्ण ढंग से करती हैं और उस उद्दंडता पर कायम रहती हैं तो वह भारतीय दंड संहिता के तहत कानूनन दंडनीय हैं।”