Lakhimpur Kheri: लखीमपुरखीरी मामले (Lakhimpur Kheri Case) में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को करारा झटका लगा है। एक कोर्ट ने उसकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आशीष मिश्रा ने खुद को इस मामले से डिस्चार्ज करने की अपील की थी।
कोर्ट का कहना है कि उन पर केस चलाया जाए। अब आशीष को ट्रायल से गुजरना होगा। आशीष के खिलाफ कल कोर्ट चार्ज फ्रेम करेगी। बीते साल हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी तल्ख टिप्पणी की थी।
ध्यान रहे कि लखीमपुर खीरी केस में अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि एसआईटी ने मामले की जांच पूरी करके चार्जशीट दाखिल कर दी है। निचली अदालत पहले चार्ज फ्रेम करेगी। आशीष मिश्रा की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की। उनका कहना था कि पुलिस ने जो केस दर्ज किया है उसमें कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। लिहाजा उसे जमानत पर रिहा करने में कोर्ट को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। आशीष की तरफ से पेश वकील रंजीत कुमार का कहना था कि जिस दिन किसानों की मौत हुई आशीष मौके पर मौजूद नहीं थे। वो घटनास्थल से चार किमी दूर एक दंगल में थे। इसकी सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद हैं। उनका कहना था कि वो 11 माह से जेल में बंद हैं। जनवरी 2022 में पुलिस की स्पेशल टीम चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। उनका कहना था कि किसानों की मौत इस वजह से हुई क्योंकि उन्होंने काफिले पर हमला किया था। वाहन चालक संतुलन खो बैठे और गाड़ी उनके ऊपर चढ़ गई।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जमानत रद्द होने के बाद से आशीष जेल में बंद हैं। आशीष को जमानत पर रिहा किए जाने की राजनीतिक स्तर पर भी काफी आलोचना हुई थी। इसमें सबसे ज्यादा किरकिरी अजय मिश्रा टेनी के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की हुई थी। ऐसा माना गया था कि सरकार ने दमदार तरीके से जमानत की अर्जी का विरोध ही नहीं किया था।