Joshimath: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने एक दर्जन सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा नहीं करने का निर्देश दिया है। सरकार ने यह कहा कि उनके ऐसा करने से न केवल प्रभावित निवासियों के बीच बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा हो रहा है।
NRSC की वेबसाइट से हटायी गयी रिपोर्ट
दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा शुक्रवार को जारी एक प्रारंभिक रिपोर्ट ने जोशीमठ के कुछ हिस्सों में तेजी से धंसाव को दर्शाया है। जिसके मुताबिक महज 12 दिनों में जोशीमठ 5.4 सेमी धंस गया है। ISRO ने सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें भी जारी कीं थीं। हालांकि, इन रिपोर्ट्स को NRSC की वेबसाइट से हटा दिया गया है।
हालांकि, शनिवार को एनआरएससी के अधिकारी इस पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं थे कि रिपोर्ट क्यों हटाई गई। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा इसरो के प्रवक्ता को भेजे गए ईमेल का जवाब भी नहीं मिला।
Uttarakhand के कैबिनेट मिनिस्टर ने रिपोर्ट हटाने को कहा
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने द संडे एक्सप्रेस को बताया कि इसरो की रिपोर्ट को लेकर जोशीमठ में दहशत है इसलिए उन्होंने इसरो के निदेशक से बात की और उनसे रिपोर्ट हटाने को कहा।
धन सिंह रावत ने कहा, “वेबसाइट पर भूमि धंसने की बात ने जोशीमठ में बहुत दहशत पैदा कर दी थी इसलिए मैंने उनसे केवल आधिकारिक बयान देने के लिए कहा और वेबसाइट पर ऐसे ही कुछ भी पोस्ट नहीं करने को कहा। मैंने उनसे केवल सच बोलने के लिए कहा और अगर ऐसा नहीं है तो इसे वेबसाइट से हटा दें। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे आधिकारिक रिपोर्ट दें और जब तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट न हो तब तक हड़कंप न मचाएं।”
Joshimath से संबंधित किसी भी रिपोर्ट के लिए लें केंद्र या राज्य सरकार से मंजूरी
उन्होंने कहा कि एनडीएमए का पत्र तब जारी किया गया जब उत्तराखंड सरकार ने एजेंसियों से कहा कि जोशीमठ से संबंधित किसी भी रिपोर्ट को पहले केंद्र या राज्य सरकार से मंजूरी लेनी चाहिए। उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री ने कहा, “हमने NDMA से अनुरोध किया है। मैंने व्यक्तिगत रूप से इसरो के निदेशक से बात की है। इसके पीछे मुख्य मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लोगों में कोई दहशत न हो। यहां के लोग पहले से ही परेशान हैं।”
गौरतलब है कि जोशीमठ के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने पर रोक लगाने वाला एनडीएमए कार्यालय का ज्ञापन शुक्रवार को जारी किया गया था।
क्या कहती है ISRO की रिपोर्ट
गौरतलब है कि NRSC के मुताबिक जोशीमठ शहर कुछ दिनों के अंतराल में लगभग 5 सेमी (5.4 CM) सेमी नीचे धंस गया है, लेकिन यह जोशीमठ शहर के मध्य भाग तक ही सीमित है। ISRO के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि शहर 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 5.4 सेंटीमीटर नीचे चला गया है।