joshimath Demolition: जोशीमठ (Joshimath) में होटल मल्लारी-इन के सामने बैठकर लोग धरना दे रहे हैं। होटल मल्लारी-इन और माउंट व्यू, प्रशासन के हिसाब से ‘असुरक्षित’ हैं, दरक रहे हैं। इसलिए दोनों होटलों को बंद करके सील कर दिया गया है।
मल्लारी-इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि उन्हें होटल ढहाने का कोई विरोध नहीं है, लेकिन पहले प्रशासन उनका मुआवजा तय कर दे। वहीं स्थानीय लोगों के विरोध के कारण इसे तोड़ना बंद कर दिया गया है। राणा ने कहा कि मैं मांग कर रहा हूं कि बद्रीनाथ में विकास परियोजनाओं के दौरान दिए गए मुआवज़े की तरह मुझे भी मुआवजा दिया जाए। राज्य सरकार बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है। मैं यहां मरते दम तक बैठा रहूंगा।
उत्तराखंड एसडीआरएफ के हेड एम मिश्रा ने बताया कि जोशीमठ में होटल मालिक द्वारा कुछ मुद्दों को उठाए जाने के बाद हम सीडीओ चमोली के माध्यम से होटल मालिक से बात कर रहे हैं। सहमति बनने के बाद होटल को गिराने का काम किया जाएगा।
डूबते शहर को आपदा-प्रवण क्षेत्र घोषित किया गया है। जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित है। एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा जाएगा।’
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी से एक टीम के रूप में काम करने और शहर को बचाने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
6107 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जोशीमठ
6107 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ लगभग 23,000 की आबादी वाला उत्तराखंड के चमोली जिले का एक पहाड़ी शहर है। यह हिंदुओं द्वारा पूजनीय बद्रीनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब का सिख तीर्थ स्थल, फूलों की घाटी जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है जोशीमठ में अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य भी है और विभिन्न ट्रेकिंग स्थान हैं। इसके कारण होटल और बाज़ार का निर्माण हुआ है जो शहर में टूरिस्ट को आकर्षित करता है।