राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के एक बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार (Union Government) की महात्मा गांधी नरेगा (MNREGA) की तर्ज पर शुरू की गई थी। योजना शहरों में बेरोजगारों के लिए मददगार साबित हो रही है।
अशोक गहलोत ने बजट में की घोषणा
यह संशोधन 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा। बयान में कहा गया है कि शहरी बेरोजगारों को अतिरिक्त 25 दिनों का काम मुहैया कराने पर करीब 1,100 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 में इसकी घोषणा की थी। यह योजना वर्ष 2022-23 में लागू की गई थी।
पिछले साल योजना के तहत प्रति परिवार 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। योजना के तहत, लोग जॉब कार्ड के माध्यम से काम प्राप्त कर सकते हैं, जिसे वे जन आधार कार्ड और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करके जारी कर सकते हैं। यह योजना पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, विरासत संरक्षण, स्वच्छता, सार्वजनिक सेवा, अभिसरण और संपत्ति विरूपण की रोकथाम जैसे कई क्षेत्रों में कार्य प्रदान करती है।
योजना के तहत 4.51 लाख से अधिक जॉब कार्ड बनाए गए
बयान के अनुसार योजना के तहत 4.51 लाख से अधिक जॉब कार्ड बनाए गए हैं और 6.94 लाख से अधिक सदस्यों को इसके तहत काम दिया गया है। बता दें कि 10 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश किया था। उन्होंने महिलाओं के लिए भी कई घोषणाएं की थी। राजस्थान में महिलाओं को रोडवेज बसों में सफर करने पर 50% की छूट मिलेगी। वहीं कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए भी उन्होंने सहायता की घोषणा की थी।
साथ ही अशोक गहलोत ने कहा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले लगभग 1 करोड़ परिवारों को निशुल्क राशन के साथ हर महीने निशुल्क मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट दिया जाएगा। इस पैकेट में 1-1 किलोग्राम दाल, चीनी और नमक और 1 लीटर तेल दिया जाएगा।