जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रावास में छात्रा से बलात्कार के आरोपी अनमोल रतन की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को अदालत पहुंची। अदालत ने इस पर शनिवार को सुनवाई करने का फैसला किया। यह याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित बंसल के सामने दायर की गई। जिन्होंने इस मामले में दलीलों के लिए 27 अगस्त की तारीख तय की। उधर सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की एक टीम कैंपस पहुंची। कुलपति से इजाजत लेकर हॉस्टल का मुआयना किया और कुछ चीजें बरामदी कीं। पुलिस का दावा है कि वह आरोपी छात्र को पकड़ने का सिलसिला तेज कर चुकी है। माना जा रहा है कि पुलिस पहले जज के समक्ष पीड़ित छात्रा का बयान दर्ज कराना चाह रही है। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को पीड़ित छात्रा को पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट ले गई।
जहां शिकायत के पक्ष में बयान दर्ज हुए। पुलिस का दावा है कि पीएचडी प्रथम वर्ष की छात्रा ने आरोप लगाया है कि जेएनयू छात्र रतन ने 20 अगस्त को उसका बलात्कार किया। वसंत कुंज (उत्तर) थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक उसने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा कि वह एक फिल्म देखना चाहती थी। उसने पूछा था कि क्या किसी के पास इसकी सीडी है। रतन ने उसे संदेश भेजा कि उसके पास फिल्म की कॉपी है। इसके बाद वह उसे सीडी देने के बहाने ब्रहमपुत्र हॉस्टल ले गया जहां वह रहता है। छात्रा का आरोप है कि वहां रतन ने उसे नशे की गोली मिलाकर पेय पदार्थ दिया और उसका बलात्कार किया।
इस बीच जेएनयू में छात्र संघ चुनावों से पहले पीएचडी शोधार्थी से बलात्कार के मामले पर राजनीतिक रोटियां सेकने का सिलसिला जारी है। वाम समर्थित आॅल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने आरोपी अनमोल रतन को पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं कांग्रेस संबद्ध नेशनल स्टूडेंट यूनियन आॅफ इंडिया (एनएसयूआइ) और भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इस मामले को भुनाने की कोशिश में है।
आइसा, एआइएसएफ और एबीवीपी के सदस्यों वाले जेएनयू छात्र संघ ने भी मंगलवार को वसंत कुंज थाने के सामने प्रदर्शन करते हुए रतन की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। रतन ने अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को शहर की अदालत में याचिका दायर की। एबीवीपी और एनएसयूआई ने लैंगिक असुरक्षा और छात्राओं की खराब सुरक्षा के मुद्दे को रेखांकित करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किए।

