Jharkhand News: कोविड (COVID 19) संकट के दौरान जहां पूरी दुनिया इससे जूझ रही थी वहीं, सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी श्रमिकों के लिए रही। रहने-खाने के संकट के बीच ऐसी तमाम तस्वीरें और कहानियां सामने आयीं जहां हजारों श्रमिकों को पैदल ही अपने घर की ओर निकलते देखा जा सकता था। कोरोना महामारी (Corona) के बीच झारखंड (Jharkhand) में लगभग 8.5 लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की। उनकी उस यात्रा की तस्वीरों, दिक्कतों और सबक को ध्यान में रखते हुए अब राज्य सरकार अपनी प्रवासी आबादी के लिए एक सर्वे शुरू करने जा रही है।
प्रवासियों के लिए Jharkhand करेगा सर्वे
जनवरी 2023 की शुरुआत में राज्य के 24 जिलों में 60 से अधिक प्रगणक पहले झारखंड प्रवासी सर्वेक्षण (JMS) का संचालन करने के लिए 11,000 परिवारों के दरवाजे पर दस्तक दे चुके हैं। अधिकारियों और शोधकर्ताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों के काम के प्रमुख क्षेत्रों को मैप करना है, उनके परिवारों को उपलब्ध सामाजिक सुरक्षा लाभों का पता लगाना और उनके स्वास्थ्य संबंधी खतरों की पहचान करना है।
Migrant Workers के कल्याण के लिए होगा आंकड़ों का इस्तेमाल
यह पहल झारखंड के सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन पहल (SRMI) का हिस्सा है, जिसे 2021 के अंत में लॉन्च किया गया था और इसमें प्रवासी श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करना शामिल है। नीति और विकास सलाहकार समूह (पीडीएजी) के संस्थापक भागीदार अरिंदम बनर्जी ने कहा, “JMS के माध्यम से हम प्रवासन और स्थितियों, और प्रवासन को प्रभावित करने वाले कारकों के पहले राज्य-स्तरीय अनुमानों को सामने लाना चाहते हैं। आने वाले वित्त वर्ष 2023-24 में झारखंड में प्रवासी श्रमिकों के प्रवास और कल्याण पर एक राज्य-स्तरीय नीतिगत ढांचे का MoU तैयार करने के लिए इन आंकड़ों का इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है।“
Survey में होंगे ऐसे सवाल
PDAG में रिसर्च लीड कुणाल सिंह ने कहा कि गणनाकर्ता गुणात्मक मूल्यांकन करेंगे, समुदाय के नेताओं और सरकारी प्रतिनिधियों से बात करेंगे। साथ ही अंतिम-मील सेवा वितरण की जांच करेंगे यह समझने के लिए कि कैसे सुरक्षित प्रवास की सुविधा दी जा रही है।
उन्होंने कहा, “प्रश्नों को हमने कई ब्लॉकों में विभाजित किया है जैसे कि घरेलू विशेषताओं को जानना, बाहर जाने वाले और आने वाले प्रवासियों या दोनों को समझना और उनके जीवन की गुणवत्ता को समझना। हम बचत और इसके उपयोग के साथ ही घर के भीतर महिलाओं की भागीदारी या मांगे गए काम की प्रकृति पर उनकी राय जानने की कोशिश कर रहे हैं।”
झारखंड प्रवासी श्रम सर्वे करने वाला एकमात्र राज्य नहीं है। केरल में पहले भी इस तरह के कई सर्वे किए जा चुके हैं। तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्यों में भी ऐसे सर्वे किए जा चुके हैं। आते हैं।