Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शुक्रवार को बुद्ध पहाड़ क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। हेमंत सोरेन कभी माओवादी गढ़ माने जाने वाले बुद्ध पहाड़ का दौरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने। इस दौरान सीएम ने कहा कि गोलियों की गड़गड़ाहट के बजाय विकास की गूंज झारखंड और छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में फैले इस क्षेत्र में सुनाई देगी।
Hemant Soren ने BPDP के तहत विकास परियोजनाओं का किया अनावरण
सीएम सोरेन ने कहा कि बुद्ध पहाड़ विकास परियोजना (BPDP) के तहत आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा निवासियों की वित्तीय स्वतंत्रता पर जोर होगा। इसके साथ ही गढ़वा जिले की टिहरी पंचायत और लातेहार की अक्सी पंचायत के 11-11 गांवों तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचाना सरकार सुनिश्चित करेगी।
बुद्ध पहाड़ में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “कभी यह क्षेत्र माओवादियों के आतंक का गवाह था। जिन्होंने इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखा था, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने इसे नक्सलवादियों से मुक्त कर दिया है। शायद पहली बार ऐसा खुशनुमा माहौल है। आने वाले दिनों में यह क्षेत्र विकास के मामले में मील का पत्थर बनेगा।”
युवाओं से की हिंसा से दूर रहने की अपील
सीएम सोरेन ने ग्रामीणों के साथ दोपहर का भोजन किया और साथ ही 5.27 करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने वन उत्पादों को बढ़ावा देने का वादा दोहराया और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत नागरिकों को नामांकन पत्र सौंपा। इसके साथ ही क्षेत्र के युवाओं से हिंसा से दूर रहने की अपील की।
माओवादियों का गढ़ माना जाता था Budha Pahad
सोरेन की यात्रा राजनीतिक महत्व रखती है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हालिया भाषणों में दो बार बुद्ध पहाड़ को माओवादी नियंत्रण से मुक्त करने को नरेंद्र मोदी सरकार के तहत एक मील का पत्थर बताया है। राज्य और केंद्रीय बलों के ऑपरेशन के बाद सरकार ने सितंबर 2022 में बुद्ध पहाड़ को मुक्त करने की घोषणा की थी। इससे पहले बुद्ध पहाड़ को झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित माओवादी नेताओं की शरणस्थली माना जाता था।