कर्नाटक में नए भूमि सुधार कानून पर चौतरफा घिरी बीएस येदियुरप्पा सरकार को जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी का साथ मिला है। उन्होंने भूमि सुधार बिल के लिए सरकार को समर्थन देते हुए कहा कि उन्हें खुद कृषि भूमि के अवैध स्वामित्व का सामना करना पड़ा है। बता दें कि राज्य में भाजपा सरकार ने कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित कर दिया है। आठ दिसंबर से इसे राज्यभर में लागू कर दिया गया है। इसके बाद अब उन प्रतिबंधों को वापस ले लिया गया जिसमें कृषि योग्य भूमि को सिर्फ किसानों द्वारा ही खरीदा जा सकता है।
सदन में विपक्षी दल जेडीएस ने इस बिल पर सरकार का साथ दिया। बिल पर सरकार का समर्थन करने पर एक किसान नेता ने कुमारस्वामी को ‘डील मास्टर’ बताया है। राज्य में जेडीएस सहयोगी सीपीआईएम ने भी कुमारस्वामी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने जन विरोधी कानून को समर्थन दिया, इससे जेडीएस का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सदन में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया में कहा कि कुमारस्वामी सुबह को किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हैं और शाम को किसान विरोधी कानून के पक्ष में मतदान करते हैं। जेडीएस नेता किस तरह की राजनीति करते हैं? जो लोग खुद को मिट्टी का बेटा और किसानों का बच्चा बताते हैं वो कैसे अन्नदाताओं की पीठ में छुरा कैसे घोंप सकते हैं।
कुमारस्वामी ने सितंबर में भूमि सुधार बिल का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्हें खुद कृषि भूमि के अवैध स्वामित्व के आरोपों का सामना करना पड़ा था। हालांकि उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार द्वारा लाए बिल का समर्थन ऐसे समय में किया है जब बड़ी तादाद में किसान नेता केंद्र तीन कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं।
बाद में विरोध पर कुमारस्वामी ने कहा कि ये मैं ही हूं जिसने विपक्ष की आलोचना के बावजूद किसानों का 25 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था। तब किसी ने मेरी पीठ नहीं थपथपाई थी।