पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) काफी चर्चा में हैं। पिछले महीने उन्होंने जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ बाजार (Raghunath Bazar) में व्यपारियों के साथ बैठक की थी और पिछले हफ्ते उन्होंने पुंछ के एक मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।
पुंछ के सीमावर्ती जिले के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान महबूबा मुफ़्ती ने मंडी-अजोटे में नवग्रह मंदिर का दौरा किया और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ मुस्लिम निकायों के साथ-साथ भाजपा ने भी तीखी आलोचना की। जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक आर एस पठानिया ने महबूबा के कदम को एक नेता द्वारा नौटंकी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि महबूबा मुफ़्ती 2008 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) को जमीन देने से इनकार कर दिया था।
इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने भी महबूबा की आलोचना करते हुए कहा कि उनका कदम इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। हालाँकि महबूबा मुफ़्ती ने इसे भारत के ‘धर्मनिरपेक्ष लोकाचार’ को दर्शाते हुए ऊचित कदम ठहराया। उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्तिगत मामला था और इसे मुद्दा बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस मुद्दे को लेकर किसी विवाद में पड़ने से इनकार करते हुए पीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि वह अपने धर्म को अच्छी तरह से जानती हैं। भारत की गंगा-जमुनी (समन्वय) संस्कृति का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों की तुलना में अधिक हिंदू मुस्लिम मंदिरों में चादर चढ़ाते हैं। नवग्रह मंदिर का निर्माण पूर्व पीडीपी एमएलसी यशपाल शर्मा द्वारा किया गया था, जिनका पिछले साल जनवरी में निधन हो गया था। समाज के कमजोर वर्गों के लिए अपने काम के लिए जाने जाने वाले नेता यशपाल को स्थानीय लोग शेर-ए-पुंछ कहते थे।
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि महबूबा ने किसी हिंदू मंदिर का दौरा किया, क्योंकि वह कई बार कश्मीर में खीर भवानी मंदिर गई थीं, जब वह जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री थीं। पिछले महीने अपनी जम्मू यात्रा के दौरान भी पीडीपी प्रमुख ने हिंदू समुदाय से जुड़ने की मांग की थी, जिससे बीजेपी को चुनौती मिली। जम्मू शहर के बीचोबीच रघुनाथ बाजार में वह अपने काफिले को छोड़कर व्यापारियों से मिलने और बातचीत करने के लिए भाजपा के पारंपरिक गढ़ हलचल भरे बाजार से गुजरी थीं।
पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने जम्मू क्षेत्र के लोगों के साथ महबूबा के संबंधों का जिक्र करते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करने से पहले जम्मू शहर से स्नातक किया था। उनके पिता और पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती सईद तब कांग्रेस के साथ थे और उनके परिवार के अनुभवी कम्युनिस्ट नेता और जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के सदस्य के डी सेठी के परिवार के साथ मजबूत संबंध थे।