Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर प्रशासन सख्त है। UT प्रशासन ने दावा है कि वह अब तक जम्मू-कश्मीर में 15 लाख कनाल या 1.87 एकड़ जमीन मुक्त करवा चुका है। जनवरी की शुरुआत में शुरू किए गए इस अभियान में अबतक जिन लोगों के कब्जे से जमीन मुक्त करवाई गई है उनमें विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्त करवाई गई 15 लाख कनाल जमीन में से करीब आधी जमीन (7 लाख कनाल) जमीन कश्मीर संभाग में है। अधिकारियों की मानें तो जिन लोगों के अवैध कब्जे जमीन से हटवाए गए हैं, उनमें भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल हैं।
पिछले 15 दिनों में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जिस भूमि को मुक्त करवाया है वह राजस्व विभाग में जम्मू के घनेक गांव (23.9 कनाल या लगभग 3 एकड़) में पूर्व डिप्टी के नाम पर कविंदर गुप्ता थी। इसी तरह श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक और उमर अब्दुल्ला के एक रिश्तेदार के कब्जे से भी जमीन (40 कनाल) मुक्त करवाई गई है।
एक्शन के खिलाफ प्रदर्शन
UT प्रशासन की तरफ से शुरू किए गए इस अभियान के खिलाफ जम्मू और कश्मीर दोनों ही संभागों में लोगों के प्रदर्शन देखा गया है। हालांकि प्रशासन ने कई बार यह सार्वजनिक घोषणाएं की हैं कि “राज्य की भूमि के छोटे हिस्से” पर घर बनाने वाले लोगों को छुआ नहीं जाएगा लेकिन बावजूद इसके लोग डरे हुए हैं। इसको लेकर स्थानीय बीजेपी नेता एलजी मनोज सिन्हा से भी बातचीत कर चुके हैं कि प्रशासन की कार्रवाई में ‘गरीब’ लोग प्रभावित न हों।
कविंदर गुप्ता को 2016 में ही लग गया था झटका
कविंदर गुप्ता के खिलाफ प्रशासन ने भले ही अभी कार्रवाई की हो लेकिन उन्हें अलॉट की गई जमीन एक PIL दाखिल किए जाने के बाद 2016 में ही कैंसिल कर दी गई थी। एक वरिष्ठ राजस्व अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पहले के ड्राइव के दौरान लोगों से भूमि पर फिर से कब्जा करने के कई मामले देखे हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम गुप्ता से जब इंडियन एक्सप्रेस ने संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कई प्रयासों के बाद भी जवाब नहीं दिया। इससे पहले उन्होंने जम्मू के घनेक गांव में किसी भी भूमि के मालिक होने से इनकार किया था। प्रशासन के एक्शन का सामना करने वाले अन्य बीजेपी नेताओं में कर्नल (सेवानिवृत्त) महान सिंह और प्रेम सागर अजीज शामिल हैं। हैं।