जम्मू में जुमे के दिन एक सरकारी कॉलेज के छात्रों ने मस्जिद में लाउडस्पीकर के विरोध में ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ किया। यह मामला गांधी मेमोरियल कॉलेज से जुड़ा है। अफसरों ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ को जानकारी दी कि शुक्रवार (20 मई, 2022) को वहां के कुछ स्टूडेंट्स ने एक स्थानीय मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का विरोध किया। साथ ही ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ किया।
हालांकि, पुलिस ने उन्हें ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने से रोक दिया और छह छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। वैसे, बाद में उन्हें छोड़ भी दिया गया। अधिकारियों के अनुसार जब छात्र कक्षा में पढ़ रहे थे, तो एक स्थानीय मस्जिद में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया। छात्रों ने इस बात को लेकर विरोध किया कि जीजीएम कॉलेज में इससे उनकी पढ़ाई में दिक्कत आ रही है।
बताया गया कि लाउडस्पीकर पर मस्जिद से तेज आवाज में आजान आदि बजने पर जब अफसर कुछ नहीं कर पाए, तो आक्रोशित छात्रों ने हनुमान चालीसा के पाठ का फैसला ले लिया।
जम्मू नगर निगम (Jammu Municipal Corporation:JMC) ने इससे पहले मंगलवार को धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों से बिना अनुमति के चलने वाले लाउडस्पीकरों और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणालियों (सिस्टम्स) को हटाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।
वैसे, लाउडस्पीकर पर अजान बनाम हनुमान चालीसा के विवाद ने देश में तूल तब पकड़ी जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने यह मांग उठाते हुए विवाद खड़ा कर दिया था कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटाए जाएं, अन्यथा उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर ऊंची आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
मनसे चीफ की टिप्पणी के बाद विवाद और बढ़ा, जिसमें अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा भी कूद पड़े। राणा दंपति ने भी कुछ रोज पहले महाराष्ट्र सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर जाकर हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था, मगर शिवसेना कार्यकर्ताओं के हंगामे के चलते वे उस दिन अपने घर से ही नहीं निकल पाई थीं। बाद में राणा को जेल भी जाना पड़ा था।