गुजरात: किसानों की पुलिस से हिंसक झड़प, कई घायल
गांववालों ने दावा किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे जब पुलिस ने उनका आंदोलन खत्म कराने के लिए ‘‘अनावश्यक बल’’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि खनन गतिविधि से क्षेत्र में कृषि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

गुजरात के भावनगर जिले में एक गांव के समीप एक निजी कंपनी द्वारा चूना पत्थर के खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की पुलिस के साथ बुधवार को झड़प हो गई जिसमें कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए। भावनगर पुलिस अधीक्षक पी. एल. माल ने कहा कि झड़प में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थानीय गांववालों ने दावा किया कि महिलाओं और लड़कियों समेत करीब 15 लोग घायल हो गए है। एसपी ने कहा कि पुलिस को बम्भोर गांव में तलाजा तालुक के समीप अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड द्वारा चूना पत्थर के खनन को रोकने की मांग कर रहे किसानों के एक बड़े समूह को काबू में करने के लिए आंसू गैस के 35 गोले छोड़ने पड़े और लाठीजार्च करना पड़ा। उन्होंने कहा कि करीब 30 गांववालों को हिरासत में लिया गया है। प्रदर्शनकारी किसान अहमदाबाद से करीब 180 किलोमीटर दूर तालुक के 13 गांवों के रहने वाले हैं।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि करीब 15 लोग घायल हुए और उन्हें माहुवा शहर के नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी ने यह भी कहा कि स्थानीय निवासियों के अवरोध के कारण मंगलवार से ही घटनास्थल पर पुलिस उपाधीक्षक और विशेष ऑपरेशन समूह तथा अपराध शाखा के सदस्यों समेत करीब 50 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि कंपनी ने जिला पुलिस द्वारा घटनास्थल पर सुरक्षा के खास बंदोबस्त करने के लिए भुगतान किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम चार पुलिसकर्मियों को चोटें आईं है जिसमें एक कांस्टेबल भी शामिल है जिसे झड़प में सिर पर चोटें आई।’’ गांववालों ने दावा किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे जब पुलिस ने उनका आंदोलन खत्म कराने के लिए ‘‘अनावश्यक बल’’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि खनन गतिविधि से क्षेत्र में कृषि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। बता दें कि यह कृषि क्षेत्र अरब सागर के काफी निकट स्थित है और खनन प्रक्रिया के चलते अरब सागर का पानी खतों में घुसकर फसल को नष्ट कर देगा।