सुसाइड केसः मंत्री बोले थे- दर्ज होगी कड़ी चार्जशीट, पर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ हटा लिया गया प्रमुख आरोप
डिजाइनर अन्वय नाइक सुसाइड केस में आरोपियों से धारा-34 हटाना अहम है, क्योंकि इस मामले की पूर्व में जांच कर रहे अफसर ने 2019 में केस बंद करने से पहले इसका जिक्र किया था।

महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक सुसाइड केस में 1914 पन्नों की भारी-भरकम चार्जशीट दायर की है। हालांकि, इसमें चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ प्रमुख आरोप हटा लिए हैं। दरअसल, पहले आरोप था कि अप्रैल 2018 में अन्वय नाइक को सुसाइड के लिए भड़काने वाले साजिशकर्ताओं में अर्नब गोस्वामी समेत तीन आरोपी शामिल हैं। हालांकि, अब पुलिस ने चार्जशीट में अर्नब का नाम हटा लिया है।
बता दें कि पेश से इंटीरियर डेकोरेटर रहे अन्वय नाइक ने अपने सुसाइड नोट में अर्नब गोस्वामी, आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया के फिरोज शेख और स्मार्टवर्क्स के नीतेश शारदा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। अन्वय ने सुसाइड लेटर में लिखा था कि उसने इन तीनों के लिए काम किया और इन लोगों ने उसके 5.40 करोड़ रुपए का बकाया नहीं लौटाया।
इस घटना के बाद रायगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसमें आईपीसी की धारा 34 को भी जोड़ा गया था, जिसके मुताबिक इन तीनों ने साथ मिलकर अन्वय नाइक को कथित तौर पर सुसाइड के लिए भड़काया। लेकिन अब रायगढ़ पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में यह आरोप हटा दिए गए हैं। हालांकि, चार्जशीट में अब भी धारा 306 (सुसाइड के लिए भड़काने) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा धारा 109 (अपराध के लिए उकसाना) भी जोड़ी गई है। हालांकि, इस केस में आरोपियों से धारा-34 हटाना अहम है, क्योंकि इस मामले की पूर्व में जांच कर रहे अफसर ने 2019 में केस बंद करने से पहले इसका जिक्र किया था।
ताजा चार्जशीट में अन्वय नाइक के सुसाइड के पीछे तीनों आरोपियों के साथ जुड़े होने की बात को हटा दिया गया है। लेकिन पुलिस ने इसमें 50 गवाहों के बयान शामिल किए हैं। इसमें मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड हुए 9 बयान भी शामिल हैं। मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर जमाल शेख ने कहा कि हमारे पास नाइक के कई कर्मचारियों के बयान, नाइक के बैंक स्टेटमेंट्स और ईमेल हैं, जो साबित करते हैं कि पैसे का भुगतान न होना ही उसे सुसाइड के लिए मजबूर करने वाली बात थी।
गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी मामले पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और राज्य की पुलिस कानून के अनुरूप उचित कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा था कि खुदकुशी मामले की जांच अदालत से इजाजत मिलने के बाद ही की जा रही है। इस मामले में अर्नब गोस्वामी आरोपी हैं। मामले में जल्द ही कड़ी चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
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