Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) नजदीक हैं ऐसे में राज्य की नब्ज टटोलने के लिए न्यूज चैनल आजतक ने अहमदाबाद (Ahmadabad) में गुजरात पंचायत (Gujarat Panchayat) नाम का एक कार्यक्रम रखा है इस कार्यक्रम में कई सियासी पार्टियों के नेता पहुंचे और गुजरात चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। इसी दौरान इस मंच पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी पहुंचे। कार्यक्रम में बातचीत के दौरान जब एंकर अंजना ओम कश्यप ने ओवैसी से ये पूछ लिया कि वो एक दिन में मोदी जी को कितनी गालियां दे देते हैं? तो इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा, ‘अगर मैं गाली दूंगा तो आप मुझे छोड़ेंगे। आप मुझे अपने शो में ही हलाल कर देंगे।’
इस दौरान ओवैसी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी से तो स्मृति ईरानी ही अच्छा बोल सकती हैं। मुझे तो पीएम या सीएम नहीं बनना है न विपक्ष से प्रधानमंत्री बनना है तो उन्हें सोचना चाहिए। विचारधारा के स्तर पर मौजूदा विपक्ष भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी से मुकाबला नहीं कर सकता है। जब विपक्षी नेता चुनाव हार जाते हैं तो आरोप ओवैसी पर मढ़ देते हैं। विपक्षी नेता अपने गिरेबां में नहीं झांकते हैं कि हमे विचारधारा पर लड़ाई करनी चाहिए।
राहुल पीएम मैटेरियल नहीं, नीतीश की दवा एक्सपायरी
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पीएम मैटेरियल तो नहीं लगते हैं। नीतीश कुमार का समय भी अब खत्म ही समझो उनकी दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल भी पीएम मोदी के सामने कहीं टिकते हुए नहीं दिखाई देते हैं। ऐसे में सिर्फ देश की जनता ही पीएम मोदी को उनके पद से हटा सकती है। वो समय भी आएगा जब जनता पीएम मोदी को हटाएगी और नरेंद्र मोदी के हटते ही बीजेपी भरभरा के गिर जाएगी।
नरेंद्र मोदी की राह पर केजरीवालः ओवैसी
आजतक पंचायत कार्यक्रम में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने विपक्ष (Opposition) पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस (Congress) के इतने बुरे हाल हैं कि हम उस पर चर्चा भी नहीं कर सकते हैं। देश की जनता से कांग्रेस की विश्वसनीयता अब खत्म हो चुकी है। कांग्रेस के विधायक जीत तो जाते हैं लेकिन वो बीजेपी में शामिल हो जाते हैं। अब आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब नरेंद्र मोदी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं। केजरीवाल सीधे तौर पर हिंदुत्व की राजनीति पर चल रहे हैं। वो गुजरात में स्कूल के बारे में तो चर्चा करेंगे लेकिन कॉमन सिविल कोड पर नहीं बोलेंगे और अस्पतालों की चर्चा तो करेंगे लेकिन बिलकीस बानों के मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं।