Union Home Minister Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू करते हुए शुक्रवार को कहा कि गुजरात में ‘सांप्रदायिक दंगों में शामिल लोगों’ को ‘2002 में ऐसा सबक सिखाया गया था कि इससे ‘अखंड शांति’ हो गई। भाजपा शासित राज्य गुजरात में साल 2002 में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों से खचाखच भरे साबरमती एक्सप्रेस के कोच को गोधरा में जलाने के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में गुजरात में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई थी। इसके साथ ही गुजरात में 2002 दंगे का संदर्भ चुनाव के दौरान दोहराया गया है।
गुजराती भाषा में लोगों को याद दिलाई शांति की बात
खेड़ा जिले के महुधा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने गुजराती भाषा में कहा, “आ 2002 मा, कांग्रेसियों ए आदत पड़ी है, एतले रामखान थाया हटा। पैन 2002 मा एवो पाठ सिखवादियो, के खो भुली गया। 2002 थी 2022 सुदी नाम न ले।” उन्होंने कहा, “गुजरात नी अंदर कौमी हुलड़ो करवा वादा ने, कड़ा हाथ पगला भारी, गुजरात नी भारतीय जनता पार्टी नी सरकार ए, गुजरात मा अखंड शांति नी स्तापना करि छे, मित्रो।” यानी गुजरात में हुए 2002 के दंगे के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शाश्वत शांति स्थापित की है। मौजूदा समय में महुधा विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है।
दीसा, झालोद और वागरा में भी गुजरात दंगे का जिक्र
इसके पहले 22 नवंबर को बनासकांठा जिले के दीसा में एक चुनावी भाषण में अमित शाह ने 2002 के दंगों का संदर्भ दिया था। उन्होंने कहा था, “2001 में, नरेंद्र मोदी सत्ता में आए और 2002 के बाद, कहीं भी कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता नहीं थी। ऐसे सारे अड्डे ध्वस्त हो गए। क्या अब कोई माफिया है? क्या कोई दादा (गैंगस्टर) है?
वहीं, दाहोद के झालोद और भरूच के वागरा में जनसभाओं को संबोधित करते हुए शुक्रवार को अमित शाह ने फिर 2002 का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, “कांग्रेस शासन के दौरान गुजरात में क्या सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए थे? 2002 में, नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) के शासनकाल के दौरान उन्होंने ऐसा ही करने की कोशिश की। उन्हें ऐसा सबक सिखाया गया कि अब 2022 है और कोई सिर नहीं उठाता। साम्प्रदायिक दंगे कराने वाले गुजरात से बाहर चले गए हैं। भाजपा ने गुजरात में शांति स्थापित की और इसे बिना कर्फ्यू वाला क्षेत्र बना दिया।’
‘भाजपा के कमल ने Gujarat को साम्प्रदायिक दंगों से बचाया’
वागरा में मुस्लिम आबादी काफी अधिक है। गृह मंत्री अमित शाह ने वहां एक सभा में कहा था, “इस भूमि ने बहुत सारे सांप्रदायिक दंगे देखे हैं। कर्फ्यू और छुरा घोंपने के बीच में विकास कैसे होगा? 2002 में इन लोगों ने आखिरी बार हिम्मत दिखाई थी। क्या ऐसा नहीं है? ऐसा पाठ उस दौरान पढ़ाया गया था। एक-एक करके उन्हें छाँट कर जेल में डाल दिया गया। 22 साल हो गए हैं और एक बार भी कर्फ्यू ( Curfew) लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ( BJP) के कमल ने गुजरात को साम्प्रदायिक दंगों की आग से बचाया और उसे विकास के पथ पर आगे ले गया।’
Naroda में बोले, अब किसी में नहीं सांप्रदायिक दंगे करने की हिम्मत
अमित शाह ने देर शाम अहमदाबाद शहर के नरोदा निर्वाचन क्षेत्र में एक जनसभा को भी संबोधित किया। वहां उन्होंने कहा कि विपक्षी कांग्रेस को गुजरात में शांति स्थापित करने की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने वर्षों तक शासन किया है। और अगर कोई है जिसने सांप्रदायिक दंगों ( Communal riots) के माध्यम से गुजरात को तबाह किया है, तो वह कांग्रेस के लोग हैं …। अब सांप्रदायिक दंगे करने का साहस किसी में नहीं है।
अमित शाह नरोदा में भाजपा उम्मीदवार पायल कुकरानी के लिए प्रचार कर रहे थे। पायल 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार के दोषी मनोज कुकरानी की बेटी हैं। मनोज कुकरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
अमित शाह ने पूछा – Congress का Vote Bank क्या है
अमित शाह ने नरोदा में कहा था, ‘2002 में एक शरारत की गई थी…। बीजेपी सरकार ने कानून का फंदा इतना कड़ा किया कि दंगे करने वालों को सबक मिल गया।’ कांग्रेस (Congress) पर और निशाना साधते हुए अमित शाह ने दावा किया कि पार्टी ने न तो जम्मू-कश्मीर में धारा 370 ( Article 370) को निरस्त किया और न ही “अपने वोट बैंक के डर” से “हमारे विश्वास” के स्थानों को मजबूत किया। “कांग्रेस के लोग उसके वोट बैंक से डर सकते हैं, लेकिन भाजपा के लोग नहीं। क्या आप जानते हैं कि उनका वोट बैंक क्या है?”
महुधा में Rahul Gandhi पर भी साधा निशाना
अमित शाह ने कांग्रेस से अपने सवाल को कई बार बार दोहराया और दर्शकों ने उनके मन लायक जवाब दिया। शाह ने बाद में रैली से कहा, “फिर, मैं इसे अब दोहरा नहीं रहा हूं।” इससे पहले महुधा में अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना ( Attacks on Rahul Gandhi) साधा था। उन्होंने कहा था, “राहुल गांधी महुधा नहीं आने वाले हैं। वह नतीजे जानते हैं और इसलिए वह गुजरात में अपना चेहरा नहीं दिखा रहे हैं।