IAF Plane Crash: भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान शनिवार (28 जनवरी) सुबह मध्य प्रदेश में मुरैना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। एयरफोर्स के दो लड़ाकू जेट – सुखोई -30 और मिराज -2000 के एक प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक पायलट की मौत हो गई जबकि दो घायल हैं। इस दुर्घटना को अपनी आंखो से देखने वाले एक शख्स ने बताया कि आवाज सुनाई दी और आग के गोले को जमीन पर गिरते हुए देखा, जिसके बाद वर्दी में पैराशूटिंग करते हुए दो व्यक्ति पास की झाड़ियों में जा गिरे।
IAF Plane Crash: लोगों ने क्या देखा
इस हादसे को अपनी नजरों से देखने वाले लोगों ने कहा कि उन्होने दोनों पायलटों को झाड़ियों से निकाला और उन्हें जमीन पर लिटा दिया, जब तक कि एक भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर नहीं आया, इसके बाद उन्हें इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया गया, जहां से दोनों विमानों ने नियमित प्रशिक्षण मिशन पर उड़ान भरी थी। उन्होंने बताया कि दोनों विमानों का मलबा पहाड़गढ़ से करीब चार किलोमीटर दूर 500-800 मीटर के क्षेत्र में बिखरा पड़ा था और उसमें आग लग गई थी।
IAF Plane Crash: सरपंच ने क्या बताया
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि आसपास के लोगों ने मिट्टी फेंककर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की, यह क्षेत्र जल्द ही आसपास के 15 गांवों के 1,500 से अधिक लोगों से भर गया था। पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने घटनास्थल पर मीडिया को बताया कि मैं यहां कुछ लोगों के साथ खड़ा था जब हमने ऊपर से एक शक्तिशाली बम विस्फोट की आवाज सुनी। हमने देखा कि आग के गोले नीचे आ रहे हैं, जिनमें से कुछ यहां एक जंगल के रास्ते में और कुछ दूसरी तरफ भरतपुर में गिरे।
उन्होंने दावा किया कि मलबे के पास हाथ कटा हुआ एक क्षत-विक्षत शव मिला था। स्थानीय और भारतीय वायुसेना के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया। पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने बताया कि सुबह साढ़े दस बजे के करीब वह उस जगह के करीब था, जहां हादसा हुआ। उन्होंने कहा, “मैंने एक विमान को आग की लपटों के साथ देखा। मैंने करीब पांच किलोमीटर दूर एक जगह से धुआं निकलते देखा। हमने मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन उस समय हमारे पास पानी नहीं था।”
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