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हजरत निजामुद्दीन ट्रेन का नाम बदलने की मांग, योगी के मंत्री ने रेल मंत्री को लिखा पत्र, जानिए क्या बताया नया नाम?

Hazrat Nizamuddin Train: सुनील भराला ने पत्र में लिखा कि हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस ट्रेन का नामकरण भगवान श्री परशुराम एक्सप्रेस के नाम से करने पर इंदौरवासी और समस्त सनातनी हिंदू समाज गौरवान्वित महसूस करेगा।

Hazrat Nizamuddin train | Bhagwan Shree Parshuram Express | YOGI MINISTER
UP: उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष/राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला और केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव। (फोटो सोर्स:@sunilbharala)

Hazrat Nizamuddin Train: उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष/राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखा है। भराला ने अपने पत्र में हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बदलकर भगवान श्री परशुराम एक्सप्रेस करने की मांग की है।

राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने पत्र में लिखा, ‘हजरत निजामुद्दीन से इंदौर के मध्य संचालित ट्रेन संख्या 12415/12416 पश्चिमी रेलवे की महत्वपूर्ण ट्रेन हैं। इसका संचालन हजरत निजामुद्दीन से इंदौर जंक्शन के मध्य लगभग 850 किलोमीटर की दूरी लिए संचालित है। इंदौर के पास स्थिति पवित्र जानापाव की पहाड़ियों पर राष्ट्रीय शोध पीठ द्वारा शोध के बाद भगवान श्री परशुराम जी के जन्मस्थली की घोषणा की गई है। भारतीय सनातन परंपरा में भगवान श्री परशुराम जी की मान्यता भगवान विष्णु के छठवें अवतार के रूप में पाप व अन्याय को सुधारने तथा पराक्रम के प्रतीक के रूप में है।’

‘पूरा सनातन समाज गर्व करेगा’

सुनील भराला ने पत्र में आगे लिखा कि उपर्युक्त ट्रेन संख्या 12415/12416 का नामकरण भगवान श्री परशुराम एक्सप्रेस के नाम से करने पर इंदौरवासी और समस्त सनातनी हिंदू समाज गौरवान्वित महसूस करेगा। इस संबंध में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के पदाधिकारियों द्वारा लगातार मांग की जा रही है।

पत्र में रेल मंत्री से अपील की गई है कि ट्रेन संख्या 12415/12416 का नामकरण भगवान श्री परशुराम एक्सप्रेस करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें। बता दें, भराला ने अपने इस पत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्रालय, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, बीजेपी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी टैग किया है।

भगवान श्री परशुराम की जन्मस्थली के लिए आवंटित किए जाएं पांच हजार करोड़

राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद पंडित सुनील भराला ने हाल ही में कहा था कि भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली को लेकर जो विवाद था, उसका अब सटीक समाधान निकल गया है। परिषद के तत्वावधान में गठित राष्ट्रीय भगवान श्री परशुराम शोध पीठ के माध्यम से एक लंबे 7 वर्षों के निरंतर शोध के उपरांत स्पष्ट हो गया है कि जानापाव ही भगवान श्री परशुराम जी की मूल जन्मस्थली है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की थी कि भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली को विकसित करने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्री परशुराम का इस दिव्य जन्मस्थल के विकास से जन-जन को प्रेरणा मिलेगी, जो राष्ट्रीय अखंडता के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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First published on: 22-03-2023 at 22:13 IST
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