आप दंगा फैलाने का हक मांगना चाहते हैं, एंकर ने तस्लीम रहमानी पर उठाए सवाल तो भड़क गए पैनलिस्ट
एसडीपीआई नेता ने न्यूज एंकर से पूछा किया क्या सवाल पूछने का हक नहीं है। इस पर अमीश देवगन ने कहा, 'आप सवाल पूछने का हक नहीं बल्कि दंगे फैलाने का हक मांगना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि हाथरस केस के बहाने प्रदेश में जातीय दंगों की साचिश रची गई। एजेंसियों के मुताबिक इसके लिए बकायदा रातों रात एक फर्जी वेबसाइट बनाई गई। ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम की इस वेबसाइट पर हजारों लोगों के जुड़ने का दावा भी किया गया। इस वेबसाइट में हाथरस केस को लेकर हिंसा भड़काने के लिए क्या करना और क्या नहीं करना है, सबकुछ विस्तार से बताया गया। हालांकि बाद में वेबसाइट बंद कर दी गई।
वेबसाइट के जरिए प्रदेश में कथित दंगों के दावों पर टीवी न्यूज18 इंडिया डिबेट शो ‘आर पार’ में पैनलिस्ट और एंकर आपस में भिड़ गए। दरअसल न्यूज एंकर अमीश देवगन ने एसडीपीआई नेता तस्लीम रहमानी से पूछा कि वेबसाइट में कथित तौर पर उनकी पार्टी का नाम सामने आ रहा है। इसपर पैनलिस्ट खासे भड़क गए। उन्होंने कहा कि सरकारों में जितने ‘अपराधी’ बैठे हैं, उन्हें अपने अपराध छिपाने के लिए एसडीपीआई की ढाल चाहिए। पिछले पांच-छह सालों में सरकार एसडीपीआई का जाप करती रहती है।
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एसडीपीआई नेता ने न्यूज एंकर से पूछा किया क्या सवाल पूछने का हक नहीं है। इस पर अमीश देवगन ने कहा, ‘आप सवाल पूछने का हक नहीं बल्कि दंगे फैलाने का हक मांगना चाहते हैं। दंगा फैलाने का हक किसी को कैसे दिया जा सकता है।’ एंकर ने आगे कहा कि दिल्ली दंगे, बेंगलुरु दंगे और सीएए में एसडीपीआई का नाम क्यों आता है। उन्होंने कहा कि ये पार्टी ना हुई कोई दंगा फैलाने की मशीन बन गई है। हर दंगें में इस पार्टी का नाम है।
न्यूज एंकर की इस टिप्पणी पर एसडीपीआई नेता तस्लीम रहमानी खासे भड़क गए। उन्होंने कहा कि वो दंगा फैलाने की बात नहीं करते। सवाल पूछने की बात कर रहे हैं। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को अपराधी बताते हुए कहा कि उन्हें हाथरस घटना पर शर्म आनी चाहिए। योगी अपराधी हैं। उनपर हत्या और लूट के चार्ज हैं। उनके ऊपर 12 मुकदमे हैं। आज वही यूपी के सीएम हैं।
यहां देखें वीडियो-
बेवसाइट के जरिए यूपी में कौन कर रहा था दंगा भड़काने की साज़िश?
देखिए, दंगाई साज़िश पर 10 बड़े खुलासे
देखिए #AarPaar@AMISHDEVGAN#Hathras #CMYogi #UttarPradesh pic.twitter.com/L8AAcQ98Fv— @HindiNews18 (@HindiNews18) October 5, 2020
बताया जा रहा है कि हाथरस घटना के बाद ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ वेबसाइट के जरिए मदद के नाम पर हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग का इंतजाम भी किया जा रहा था। आरोप है कि PFI, SDPI ने यूपी में हिंसा फैलाने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई।
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