पंजाब की तरह हरियाणा कांग्रेस भी आंतरिक कलह से जूझ रही है। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई बागी तेवर अपना रखे हैं। बताया जा रहा है कि हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से वो खुश नहीं हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष उदय भान हुड्डा के खेमे का माने जाते हैं। वहीं दिल्ली में राहुल गांधी से भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान ने अपनी नई टीम के साथ मुलाकात की है।
कुलदीप बिश्नोई- नाराजगी का आलम ये है कि बिश्नोई इस घोषणा के बाद से पार्टी के कार्यक्रमों में भाग भी नहीं ले रहे हैं। चंडीगढ़ में 4 मई को पार्टी मुख्यालय में आयोजित उस कार्यक्रम में भी वो शामिल नहीं हुए, जिसमें उदयभान और हरियाणा कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्षों ने नई जिम्मेदारी संभाली थी।
आदमपुर से विधायक बिश्नोई हाल के दिनों में अपने गृह क्षेत्र और उसके आसपास जनसभाएं कर रहे हैं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए भाजपा नेता और सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की है। हरियाणा कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि अगर बिश्नोई को नहीं मनाया गया, तो वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जिससे अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बिश्नोई गैर-जाट नेता के तौर पर जाने जाते जबकि राज्य कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे जाट नेताओं का वर्चस्व है। वहीं भान दलित समुदाय से संबेध रखते हैं। बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक भी हैं। 25 अप्रैल को हिसार में अपने समुदाय की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके आलोचकों के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक मतभेद नहीं।
बिश्नोई को उम्मीद थी कि नई टीम में उन्हें जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शायद इसी वजह से वो नाराज भी है। कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने के लिए समय भी मांगा है, लेकिन यह मीटिंग अभी तक नहीं हो पाई है। नई टीम की घोषणा के तुरंत बाद, बिश्नोई ने कहा था कि वह राहुल गांधी से मिलने के बाद अपने भविष्य को लेकर कोई अगला कदम उठाएंगे। बिश्नोई हुड्डा के आलोचक रहे हैं। 2007 में तत्कालीन सीएम हुड्डा से खींचतान के बाद उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
बिश्नोई की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी विवेक बंसल ने कहा- “यह सब जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, मैं बिश्नोई के संपर्क में हूं।” बंसल ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की जिला और ब्लॉक इकाइयों के गठन के लिए इन स्तरों पर संगठनात्मक चुनाव कराना पार्टी की प्राथमिकता होगी।
इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने पिछले शनिवार को नाटकीय अंदाज में पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने ये इस्तीफा तब दिया जब उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा था।