दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एक 50 वर्षीय एसोसिएट प्रोफेसर को कथित तौर पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस के मुताबिक, इतिहास पढ़ाने वाले प्रोफेसर रतन लाल ने मंगलवार को कथित तौर पर शिवलिंग की तस्वीर पोस्ट की थी और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
एक अधिकारी ने कहा कि रतन लाल को पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया और बाद में गिरफ्तार किया गया। डीसीपी (नॉर्थ) सागर सिंह कलसी ने शुक्रवार रात गिरफ्तारी की पुष्टि की। प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद, AISA सहित कुछ छात्र संगठन मौरिस नगर में पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे।
पुलिस के अनुसार, रतन लाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। रतन लाल के खिलाफ मंगलवार देर रात साइबर थाने में यह मामला दर्ज किया गया। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद देश में सियासत गरमाई हुई है। इसको लेकर विभिन्न दलों और संगठनों की तरफ से बयानबाजी का सिलसिला जारी है।
रतन लाल ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा
सोशल मीडिया पोस्ट के वायरल होने के बाद, रतन लाल ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि उन्हें ऑनलाइन कई धमकियां मिली थीं और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा और मदद मांगी थी। बुधवार को रतन लाल ने बताया था, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि इस बयान के लिए धमकियां और गालियां मिलेंगी। फुले, रविदास और अंबेडकर से लेकर हिंदू धर्म में आलोचना की एक लंबी परंपरा है। यहां तो मैंने इसकी आलोचना भी नहीं की है, यह सिर्फ एक ऑब्जर्वेशन है। हमारे देश में किसी भी बात को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। लोग क्या करेंगे, बस मुंह पर पट्टी बांध लें?”
धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर के समर्थन में वामपंथी छात्र संगठन खुलकर उतर आए हैं और शनिवार को ये लोग रतन लाल की रिहाई की मांग करते हुए डीयू में प्रदर्शन करेंगे।