गुजरात चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा जब पार्टी के प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद हार्दिक पटेल ने शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है। हार्दिक पटेल काफी समय से नाराज बताए जा रहे थे और वे उदयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर में भी नहीं पहुंचे थे।
हार्दिक पटेल ने बिना नाम लिए शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है और कहा है कि उनमें किसी भी मुद्दे को लेकर गंभीरता की कमी है। उन्होंने कहा कि वे जब भी शीर्ष नेतृत्व से मिले तो उनका ध्यान गुजरात के लोगों और उनकी समस्याओं से ज्यादा अपनी चीजों पर था। राहुल गांधी पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए हार्दिक ने कहा कि जब देश संकट में था या पार्टी को नेतृत्व की सबसे ज्यादा जरूरत थी, हमारे नेता विदेश में थे।
साथ ही गुजरात कांग्रेस के नेताओं पर भी हार्दिक ने निशाना साधा और कहा, “गुजरात के बड़े नेता जनता के मुद्दों से दूर इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय से मिला या नहीं। कांग्रेस पार्टी ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है और यही कारण है कि आज कोई युवा कांग्रेस के साथ दिखना भी नहीं चाहता है।”
राहुल गांधी ने हार्दिक पटेल को एक साल के भीतर ही गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था, जिसके बाद ये चीज उन नेताओं के लिए हजम करना मुश्किल था जो सालों से पार्टी की सेवा कर रहे थे। लोकसभा चुनाव 2019 में दिवंगत सांसद अहमद पटेल के अलावा, हार्दिक गुजरात कांग्रेस के इकलौते नेता थे जिन्हें स्टार कैंपेनर बनाया गया था। उनको रैली स्थल तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर भी दिया गया था। एक कांग्रेस नेता ने कहा, “स्वाभाविक रूप से, हार्दिक की पार्टी में एंट्री और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में तुरंत ही नियुक्ति ने पार्टी में कुछ लोगों को परेशान कर दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि हार्दिक को खुद को पार्टी में अडजस्ट करने की आवश्यकता है।
इंडियन एक्सप्रेस को एक साल पहले दिए इंटरव्यू में हार्दिक पटेल ने कहा था कि स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान टिकट वितरण के लिए उनकी सिफारिशों पर पार्टी ने विचार नहीं किया था। हार्दिक पहले भी पार्टी के प्रदेश इकाई के नेताओं पर उनका समर्थन न करने का आरोप लगाते रहे हैं। हार्दिक पटेल ने नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने में हो रही ‘देरी’ पर सवाल उठाया था। वहीं, इस्तीफा देने के बाद हार्दिक पटेल ने फिलहाल ये संकेत नहीं दिए हैं कि वे किस पार्टी के बैनर तले अपने सियासी सफर को आगे बढ़ाएंगे।
भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज
हालांकि, इस बात की अटकलें जोरों पर हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। पिछले महीने उनको बीजेपी नेतृत्व की तारीफ में कसीदे पढ़े थे और कहा था कि राज्य में भाजपा मजबूत है क्योंकि उनके पास निर्णय लेने की क्षमता के साथ नेतृत्व है। हार्दिक पटेल ने अपने समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया था। इसके बाद वह प्रमुख पाटीदार नेता के रूप में उभरे थे।