गुजरात में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी-कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार और संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खेल के नियमों को बदलने की तैयारी में दिख रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि अगर ‘आप’ चुनाव जीतती है तो गुजरात में दिल्ली मॉडल लागू होगा वहीं कांग्रेस ने हाल ही में अपनी रैलियों में ‘राजस्थान मॉडल’ के बारे में बात करना शुरू किया है। कांग्रेस ने राज्य के चुनावों की जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को सौंपी है।
एक साल पहले जब भाजपा गुजरात मॉडल के बारे में बात कर रही थी तब विजय रूपाणी को सीएम पद से अचानक हटा दिया गया था। वहीं नई भूपेंद्र पटेल सरकार में दो मंत्रियों के प्रमुख विभागों को छीन लिया गया। विभिन्न सरकारी कर्मचारियों द्वारा ग्रेड वेतन के लिए आंदोलन, जहरीली शराब त्रासदी, जिसमें 42 लोगों की जान गई थी, इसने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।
मई के बाद से केजरीवाल कम से कम 12 बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं। केजरीवाल हर बार गारंटी की घोषणा करते हैं और टाउन हॉल आयोजित करते हैं। ‘आप’ ने अब तक नौ गारंटियों की घोषणा की है और कांग्रेस ने आठ, जिनमें से कईयों में समानता है जैसे 300 यूनिट मुफ्त बिजली और बेरोजगारों को रोजगार।
यह डर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उतना नहीं है जितना कि 2024 के आम चुनावों के लिए है क्योंकि यह प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री का गृह राज्य है। बीजेपी के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘आप’ के लिए विधायकों की संख्या का उतना महत्व नहीं है जितना कि यह शोर मचाने के लिए है।
गोवा में अगस्त में ‘आप’ को राज्य की पार्टी के रूप में घोषित किया गया, जब उसने 6.77 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दो सीटें जीतीं। केजरीवाल ने घोषणा की कि अगर एक और राज्य में पार्टी को राज्य में मान्यता मिल गई, तो ‘आप’ एक राष्ट्रीय पार्टी हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों में पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। एक हफ्ते पहले केजरीवाल ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा था कि मनीष सिसोदिया पर ईडी के छापे से गुजरात में ‘आप’ के वोट शेयर में 4 प्रतिशत की वृद्धि होगी और अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो यह पार्टी के वोट शेयर को 6 प्रतिशत तक ले जाएगा।
यह सूरत था जहां भाजपा प्रमुख के रूप में सीआर पाटिल के सात महीनों के भीतर ‘आप’ ने फरवरी 2021 में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में नगर निगम की 120 में से 27 सीटें जीतीं और मुख्य विपक्ष बन गई। तब से भाजपा और आप के बीच झड़पें बढ़ी हैं। ताजा मामला ‘आप’ द्वारा स्थापित गणेश पंडाल का है, जहां पार्टी के एक राज्य सचिव मनोज सोरथिया गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
प्रचार के दौरान कांग्रेस ‘आप’ को ‘भाजपा की बी-टीम’ कहती है और ‘आप’ कांग्रेस को भाजपा की ‘सहयोगी’ बता रही है। वहीं बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर केजरीवाल की चुप्पी और सार्वजनिक रैलियों में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से संकेत मिलता है कि केजरीवाल हिंदू वोट पाने के लिए बेकरार हैं।