गुजरात लोकल बॉडी इलेक्शन में बीजेपी के टिकट पर जीते रिकॉर्ड 200 मुस्लिम उम्मीदवार
गुजरात में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख सूफी महबूब अली चिश्ती ने बताया कि 2010 में बीजेपी के टिकट पर 160 उम्मीदवार जीते थे।

गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी के टिकट पर इस बार रिकॉर्ड 200 से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। बीजेपी ने इस बार लोकल बॉडी चुनावों में रिकॉर्ड 450 मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव खेला था। गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों में वैसे तो बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्रों में खास सफलता नहीं मिली, लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से उसे इन इलाकों में मुस्लिमों का समर्थन मिला है।
गुजरात में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख सूफी महबूब अली चिश्ती ने बताया कि 2010 में बीजेपी के टिकट पर 160 उम्मीदवार जीते थे। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस के परंपरागत वोटर माने जाने वाले मुस्लिमों ने इस बार बीजेपी को बड़ी संख्या में वोट दिया है।’ आणंद जिले की मुस्लिम बहुल उमरेठ नगरपालिका के वार्ड नंबर 2 और 7 में बीजेपी का पूरा पैनल जीत गया है। इनमें तीन मुस्लिम उम्मीदवार (दो महिलाएं) और पांच हिंदू कैंडिडेट शामिल हैं। यहां बीजेपी ने कांग्रेस-एनसीपी के उम्मीदवारों को हराया है, जिनमें अल्पसंख्यक समुदाय के नेता भी शामिल हैं।
उमरेठ नगरपालिका के वार्ड नंबर 2 से जीतने वाली अमीनाबीबी ने बताया कि उनके क्षेत्र में मुस्लिमों ने विकास के नाम पर वोट दिया है। अमीनाबीबी और उनके पति 15 साल से बीजेपी के साथ हैं। बीजेपी के सिटी चीफ सुजल शाह ने कहा, ‘इस क्षेत्र के मुस्लिमों ने 2012 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट दिया था। जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों में आसिफ जकारिया भी हैं। 48 साल के जकारिया शेयर ब्रोकर हैं और गोंडल नगरपालिका से चुनाव जीते हैं। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में 60 से 65 प्रतिशत मुस्लिम वोट बीजेपी को मिला है। उनका कहना है कि कांग्रेस मुस्लिमों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के तौर पर करती है।
कांग्रेस के कोर वोटर रहे मुस्लिमों का रुझान बीजेपी की तरफ होने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के माइनॉरिटी सेल के नेता गुलाम खान ने कहा, ‘कांग्रेस 25 साल से सत्ता से बाहर है। मुस्लिमों को भी विकास चाहिए। अगर वह सत्ताधारी दल को वोट नहीं देंगे तो उनके यहां विकास नहीं होगा।’ वहीं, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख सूफी महबूब अली चिश्ती कहते हैं कि गुजरात में स्थिति बदल रही है। मुस्लिम युवा राजनीति में आना चाहते हैं और बीजेपी उन्हें मौका दे रही है।
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