Petrol-Diesel: पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी पर महंगाई का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन गुजरात सरकार ने पेट्रोल और डीजल से करोड़ों रुपये की कमाई की है। गुजरात सरकार ने पिछले दो साल में वैट के जरिए पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और पीएनजी पर उपकर से 38,730 करोड़ रुपये कमाए। इस बात की जानकारी सोमवार को राज्य विधानसभा में दी गई। राज्य सरकार को 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 की अवधि के लिए गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) मुआवजे के रूप में 21,672.90 करोड़ रुपये के मुकाबले केंद्र से 4,219 करोड़ रुपये मिले।
विधानसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में राज्य के ऊर्जा मंत्री कानू देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने पेट्रोल पर वैट और उपकर से 11,870 करोड़ रुपये, डीजल पर 26,383 करोड़ रुपये, पीएनजी पर 128 करोड़ रुपये और सीएनजी पर 376 करोड़ रुपये कमाए।
राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 13.7 प्रतिशत वैट और 4 प्रतिशत उपकर, डीजल पर 14.9 प्रतिशत वैट और 4 प्रतिशत उपकर, पीएनजी (वाणिज्यिक) पर 15 प्रतिशत वैट, पीएनजी (घरेलू) पर 5 प्रतिशत वैट लगाया था। उन्होंने कहा कि सीएनजी (थोक विक्रेता) पर 15 प्रतिशत वैट और सीएनजी (खुदरा विक्रेता) पर 5 प्रतिशत वैट है।
देसाई ने सदन को आगे बताया कि पेट्रोल और डीजल पर वैट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि घरेलू घरेलू उपभोक्ता के लिए पीएनजी और वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाले सीएनजी पर वैट को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत और 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
एक अलग सवाल का जवाब देते हुए देसाई ने कहा कि राज्य को 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 तक की अवधि के लिए केंद्र से जीएसटी के अपने हिस्से के रूप में में 21,672.90 करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 4,219 करोड़ रुपये का जीएसटी का अपना हिस्सा मिला है और शेष राशि के लिए उसे 15,036.85 करोड़ रुपये का ऋण मिला है, जिसे उपकर कोष से केंद्र द्वारा चुकाया जाएगा।