Gujarat Assembly Election 2022: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की एक उम्मीदवार के अपहरण की आशंका जताई थी। उन्होंने सीधे भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सूरत से आप उम्मीदवार कंचन जरीवाला परिवार सहित लापता हैं। क्या उनका अपहरण कर लिया गया है? जिसके बाद बुधवार को कंचन ने अपना नामांकन वापस ले लिया।
दिल्ली ने मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “सूरत (पूर्व) से हमारे प्रत्याशी कंचन जरीवाला और उनका परिवार कल से लापता है। पहले बीजेपी ने उनका नामांकन रद्द कराने की कोशिश की, लेकिन उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया। बाद में उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। क्या उनका अपहरण कर लिया गया है?”
आप ने बीजेपी पर मढ़ा आरोप: आप सांसद और गुजरात सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने गुजरात में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “लोकतंत्र की हत्या, सूरत पूर्व सीट से हमारी उम्मीदवार कंचन जरीवाला को बीजेपी ने अगवा कर लिया है। पहले बीजेपी ने उनका नामांकन पत्र रद्द करवाने की असफल कोशिश की, फिर उन्हें उम्मीदवारी वापस लेने के लिए मजबूर किया और अब उनका अपहरण कर लिया। वह कल दोपहर से लापता हैं।”
ईशुदान गढ़वी ने किया ट्वीट: गुजरात में आप के सीएम कैंडीडेट ईशुदान गढ़वी ने ट्वीट कर लिखा, ”बीजेपी आप से इतनी डरी हुई है की वो गुंडागर्दी पर आ गई है। सूरत ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हमारे कंचन जरिवाला के पीछे बीजेपी वाले कुछ दिनो से पड़े हुए थे और आज वो गायब हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी के गुंडे उन्हें उठा ले गए हैं। उनका परिवार भी गायब है। बीजेपी कितनी गिरेगी ?”
बीजेपी कर रही प्रत्याशी का अपहरण: वहीं, आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर लिखा, ”गुजरात में चुनाव हो रहा है या लोकतंत्र का खुलेआम गला घोंटा जा रहा। सूरत ईस्ट के प्रत्याशी कंचन जरीवाला कल से लापता हैं। वीडियो में मौजूद लोग BJP के हैं। इन पर कार्यवाही कर प्रत्याशी का पता लगाया जा सकता है। BJP चुनाव से पहले हार मान चुकी है। अब प्रत्याशी का अपरहण कर रही है।”
सिसोदिया ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल: आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, “भाजपा ने गुजरात के सूरत (पूर्व) से हमारे उम्मीदवार कंचन जरीवाला का अपहरण कर लिया है। उन्हें आखिरी बार कल आरओ कार्यालय में देखा गया था। भाजपा ने उनका नामांकन रद्द कराने की कोशिश की। बाद में उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया। इससे चुनाव आयोग पर सवाल उठते हैं।”