Gujarat Assembly Election Result: गुजरात विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के कुछ ही दिन बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों के दल बदलने की खबरें आने लगी हैं। हाल ही में खबर आई थी कि जूनागढ़ जिले के विसवादार विधानसभा क्षेत्र से आप के टिकट पर चुनाव जीते भूपत भायाणी (Bhupat Bhayani) भाजपा के संपर्क में हैं और उन्होंने BJP को बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया है। वहीं, भूपत भायाणी ने कहा है कि वह अभी इस अबरे में सोचेंगे।
संवाददाताओं से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक ने कहा कि वह भाजपा में जा सकते हैं। भूपत भायाणी ने कहा, “मैं पहले लोगों से सलाह लूंगा।” गुजरात विधानसभा में अपनी शुरुआत करते हुए AAP ने इस बार पांच सीटें जीतीं। भूपत भायाणी ने जूनागढ़ जिले की विसवादार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने तीन बार जीत दर्ज की थी।
लोगों की राय पर लेंगे फैसला- BJP में शामिल होने की खबरों पर बोले AAP विधायक भूपत भायाणी
इससे पहले यह सूचना थी कि भूपत भायाणी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले लेंगे, लेकिन अचानक उन्होंने भाजपा की सदस्यता लेने से इनकार कर दिया और पार्टी को बाहर से ही समर्थन देने का ऐलान किया था। जिसके बाद अब उन्होंने कहा है कि वो यह फैसला जनता से पूछने के बाद ही लेंगे।
भूपत भायाणी पाटीदारों के प्रभुत्व वाली सीट पर जीत हासिल की है। भायाणी आप में शामिल होने से पहले भाजपा के सदस्य थे। भाजपा ने विसवादार सीट से कांग्रेस विधायक हर्षद रिबादिया को मैदान में उतारा था। रिबादिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। भायाणी ने रिबादिया को 7,063 मतों से हराया।
इससे पहले भाजपा में जाने की खबरों पर भूपत भायाणी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, “मैं अभी तक आप के साथ हूं और मैं इसके साथ रहना चाहता हूं। कल भ्रम था, अब कुछ नहीं है, अब सब स्पष्ट है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।” हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा कि भायाणी सौराष्ट्र के एक अन्य आप विधायक को अपने साथ भाजपा में ले जाने की कोशिश कर रहे थे, पर पार्टी उन्हें मनाने में कामयाब रही।
BJP की विचारधारा से आकर्षित
वहीं, AAP के कुछ नेताओं ने कहा कि स्थिति कभी भी बदल सकती है। एक नेता ने कहा, “भूपत भायाणी ऐसे व्यक्ति हैं जो भाजपा की विचारधारा की तरफ आकर्षित हैं। आप के लिए उनके दलबदल का पार्टी की विचारधारा की तुलना में स्थानीय प्रतिद्वंद्विता से अधिक लेना-देना था। इसलिए अपना पॉइंट साबित करने और विसवादार सीट जीतकर अपने प्रतिद्वंद्वियों को एक संदेश भेजने के बाद, भायाणी संघर्ष विराम चाहते हैं और भाजपा में वापस लौटना चाहते हैं।”