Gujarat Election Result 2022: गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 156 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की है। कांग्रेस (Congress) 17 पर तो आम आदमी पार्टी (AAP) 5 सीटों पर सिमट गई। गुजरात भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल (C. R. Patil) ने ऐलान किया है कि भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) 12 दिसंबर को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। गुजरात में जहां इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुक़ाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था, वहां बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर वो कौन से कारण रहे जिन्होंने राज्य में भाजपा की प्रचंड जीत में अहम भूमिका निभाई।
गुजरात में बीजेपी की सातवीं बार जीत के साथ ही इस चुनाव ने राज्य में इतिहास बना दिया है। इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वोट का 50 प्रतिशत से अधिक मिला है और सदन में सबसे अधिक सीट 150 से ज्यादा सीट भी मिली है। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव की मुख्य बातें हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने गृह राज्य पर जबरदस्त प्रभाव, एक बाहरी को स्वीकार करने के लिए मतदाताओं के एक वर्ग की तत्परता और थकी हुई कांग्रेस को अस्वीकृति।
चुनाव अभियानों में पीएम मोदी (PM Modi) रहे BJP का मुख्य चेहरा: 2017 और 2022 के चुनाव अभियानों में पीएम मोदी भाजपा का मुख्य चेहरा रहे। पिछली बार, पाटीदार कोटा आंदोलन और कृषि समुदाय में मोहभंग ने कांग्रेस के लाभ के लिए काम किया था। इस बार, उन्होंने 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में अपनी वापसी के लिए विधानसभा की जीत को जरूरी समझा।
AAP ने काटे Congress के वोट: गुजरात के एक शीर्ष भाजपा नेता ने इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि कई सीटों पर भाजपा इसलिए जीती क्योंकि आप ने कांग्रेस के वोटों को विभाजित कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता भी आप के आक्रामक अभियान से संशय में थे, भले ही पार्टी ने आप की मुफ्त की रेवड़ियों की आलोचना की थी। बीजेपी नेता ने पेज कमेटियों को श्रेय देते हुए कहा, “उन्होंने हमें सतर्क रखा, वरना कांग्रेस के सुस्त प्रचार अभियान को देखते हुए हम आत्मसंतुष्ट हो सकते थे।”
भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि हालांकि पार्टी के भीतर असंतोष था और पूर्व मंत्रियों को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था, लेकिन पार्टी ने पीएम मोदी की 30 चुनावी रैलियों और अमित शाह के मैनेजमेंट के साथ इन सब कमियों पर समय रहते काबू पा लिया था।
BJP का प्रचार अभियान: इस बार, भाजपा के एकजुट और अनुशासित कैडर और एक मजबूत संगठन ने सत्ता विरोधी लहर और लचरता जैसे कारणों को नकार दिया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने गुजरात की जीत के लिए दो कारकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “सूक्ष्म प्रबंधन भाजपा की शैली है। बीजेपी हमेशा पूरे जोश के साथ प्रचार करती है। लेकिन गुजरात में बीजेपी को गुजरात के राजनीतिक परिदृश्य में आप के प्रवेश से बीजेपी विरोधी वोटों को विभाजित करने में मदद मिली। राज्य में भाजपा विरोधी आंदोलन से राहुल गांधी का अलगाव और स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व की उदासीनता ने इसमें और इजाफा किया।”