ड्रैगन फ्रूट बाहर से कमल की तरह दिखता है, इसलिए इसका नाम कमलम होना चाहिए- बोले गुजरात सीएम विजय रूपानी
कमल के फूल को संस्कृत में कमलम कहा जाता है। गुजरात के भाजपा कार्यालय का नाम भी 'श्री कमलम' ही है।

दुनियाभर में ड्रैगन फ्रूट के नाम से लोकप्रिय फल अब गुजरात में कमलम के नाम से जाना जाएगा। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने का फैसला किया है इस फल का बाहरी रूप कमल के फूल से मिलता है, इसलिए ड्रैगन फ्रूट को अब कमलम कहा जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि ड्रैगन फ्रूट का नाम चीन से जुड़ा है, इसलिए उन्होंने इसे बदल दिया।
रूपाणी ने नाम बदलने का ऐलान करते हुए कहा कि देश में यह फल कैक्टस पर उगता है। हमें इसका नाम ठीक नहीं लगा, इसलिए हमने इसे बदल दिया। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। कमलम नाम से किसी को भी चौंकने की जरूरत नहीं है। बता दें कि कमल के फूल को संस्कृत में कमलम कहा जाता है। गुजरात के भाजपा कार्यालय का नाम भी ‘श्री कमलम’ ही है। भारत में यह फल मुख्यतौर पर दक्षिण अमेरिका से आयात किया जाता है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीनों पहले ही अपने मन की बात कार्यक्रम में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले एक किसान गया प्रसाद का जिक्र किया था। लम्भुआ के ग्राम कोयरा खुर्द में गया प्रसाद सिंह प्रदेश के इकलौते किसान हैं, जो चाइनीज फल ड्रैगन फ्रूट की खेती आर्गेनिक तरीके से बड़े पैमाने पर करते हैं। बताया जाता है कि ड्रैगन फ्रूट मुख्यतौर पर वियतनाम का है और वहां की 80 फीसदी अर्थव्यवस्था इसी की खेती पर निर्भर है।
इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ी जानकारी लेने के लिए उनसे मुलाकात की थी। हाल ही में योगी ने किसान द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगायीं हैं, जिनके बारे में धारणा थी कि इन फसलों को वहां नहीं उगाया जा सकता।