Gorakhpur News: गोरखपुर की एक स्थानीय अदालत ने भाजपा सांसद कमलेश पासवान (BJP MP Kamlesh Paswan) और छह अन्य लोगों को 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुतले को आग लगाने का प्रयास करने के आरोप में दर्ज एक मामले में डेढ़ साल जेल की सजा सुनाई है। 46 वर्षीय कमलेश पासवान बांसगांव से बीजेपी सांसद हैं।
बीजेपी सांसद के चाचा को भी सजा
विशेष अभियोजक (गोरखपुर) अंबरीश चंद्र मल्ल ने कहा, “कमलेश पासवान के अलावा, छह अन्य लोग जिन्हें सजा सुनाई गई है, उनमे उनके चाचा चंद्रेश पासवान भी हैं, जो एक पूर्व विधायक हैं। शनिवार को फैसला सुनाए जाने के समय वे अदालत में मौजूद थे।” बाद में दिन में अदालत ने सभी सात व्यक्तियों को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। अदालत ने सभी को सोमवार को जमानत के लिए आवेदन करने का भी निर्देश दिया। मुकदमे के दौरान अदालत ने सभी 11 गवाहों का परीक्षण किया।
विरोध के बाद इन सभी नेताओं ने सड़क जाम कर दिया था। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने की कोशिश की लेकिन पुलिस उन्हें रोकने में सफल रही थी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई थी।
कमलेश पासवान समेत आठ लोगों के खिलाफ गुलहरिया थाने में मामला दर्ज किया गया था। आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 341 (गलत तरीके से रोकना), 435 (आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत), 511 (आजीवन कारावास के साथ दंडनीय अपराध करने का प्रयास करने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अंबरीश चंद्र मल्ल ने कहा कि एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद उसकी फाइल अन्य से अलग कर दी गई थी। बता दें कि इससे पहले विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द हो चुकी है।
नहीं जाएगी बीजेपी सांसद की सदस्यता
हालांकि कमलेश पासवान की संसद सदस्यता नहीं जाएगी, क्योंकि किसी भी विधायक या सांसद को 2 या उससे अधिक वर्ष की सजा पर उसकी विधायकी-सांसदी रद्द होने का प्रवाधान है। कमलेश पासवान लगातार तीन बार से बांसगांव सीट से सांसद चुने जा चुके हैं। उनकी मां सुभावती भी सांसद रह चुकी हैं। वहीं उनके पिता ओम प्रकाश पासवान 1989, 1991 और 1993 में विधायक रहे थे। 1996 में बांसगांव में लोकसभा चुनाव की एक सभा के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी।