उमेश पाल अपहरण मामले में मंगलवार (28 मार्च, 2023) को प्रयागराज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाएगी। इस मामले में अतीक अहमद मुख्य आरोपी है। कल उसे गुजरात की साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के नैनी जेल लाया गया क्योंकि आज उसकी कोर्ट में पेशी है। इस बीच अतीक अहमद का एक पुराना इंटरव्यू चर्चाओं में है, जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कह रहा है कि उनके साथ 500 गाड़ियां चलती हैं तो आंदोलन और हमारे साथ चलें तो हम बाहुबली।
क्राइम तक को दिए अपने इस इंटरव्यू में डॉन अतीक अहमद से पूछा गया कि क्या उसे बाहुबली कहना चुभता है। इसके जवाब में उसने कहा, “चुभता तो है ही, हर चीज की एक लिमिट होती है।” उसने आगे कहा, “हमारे पास सारे साक्ष्य हैं, पेपर्स हैं हाईकोर्ट के, कि सारे मुकदमे खारिज कर दिए। तो ये क्यों नहीं चलाया जाता।”
दोहरी नीति से हमें ऐतराज है, बोला अतीक अहमद
अतीक ने कहा, “हम सुल्तानपुर गए, हमारे पीछे 500-700 गाड़ियां गईं, ये सही है। कोई टैक्सी या भाड़े की नहीं थी। अभी दूसरे के साथ जाएं, मोदी जी के साथ जाएं, तो साहब समर्थक निकल पड़े। मतलब ये सब आंदोलन के पीछे आ गया साहब हुजूम निकल पड़ा। हमारे साथ गए तो बाहुबली हैं। ये जो दोहरी नीति है, इससे हमें ऐतराज है। अगर आप कह रहे हो कि हम पर 100 मुकदमे हैं, तो आप यह भी कहो कि 123 एफआईआर हाई कोर्ट ने खारिज कर दीं। ये कोई क्यों नहीं कहता। ये हमें चुभता है।”
कल गुजरात से प्रयागराज लाया गया माफिया डॉन
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को भारी सुरक्षा के बीच सोमवार शाम नैनी केंद्रीय जेल लाया गया। सोमवार दोपहर से ही नैनी जेल में पुलिस बल की भारी तैनाती थी और मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा था। इसके अलावा नैनी जेल के मुख्य द्वार पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। नैनी केंद्रीय जेल के एक उच्च अधिकारी ने बताया की अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। उन्होंने बताया कि वहीं अतीक के बेटे अली को एक अलग बैरक में रखा गया है।
प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के मुताबिक, 17 साल पुराने अपहरण के एक मामले में आरोपियों को 28 मार्च को अदालत में पेश किया जाना है। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश के तहत माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज लाया गया है। उमेश ने उस समय आरोप लगाया था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद ने उनका अपहरण करवाया। उमेश पाल के साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। वह राजू पाल हत्याकांड के इकलौते गवाह भी थे। 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के अगले दिन उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और कई अन्य लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।