बाकायदा इन दावों को मीडिया समेत सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है। इन दिनों भी काफी जगहों पर पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन इस शुल्क को प्राधिकरण नहीं बल्कि पुलिस की अनुकंपा से वसूला जा रहा है। पार्किंग शुल्क वसूलने वाले पूरी मजबूती के साथ ठेका पुलिस द्वारा दिए जाने का दावा कर वसूली कर रहे हैं और न देने पर पूरी गुंडई पर उतर जा रहे हैं। वाहन मालिक सोशल मीडिया पर मशीन युक्त पार्किंग शुल्क पर्चियां डालकर वास्तविक स्थिति बता रहे हैं, लेकिन कागजों में नि:शुल्क और हकीकत में पार्किंग शुल्क लेना जारी है।
जी हुजूरी
मतदान के दिन मतदाताओं के प्रति आम तौर पर उम्मीदवार और पार्टी के नेता व कार्यकर्ता कहीं अधिक मेहरबान दिखते हैं। ऐसा ही नजारा राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में निगम के लिए डाले जा रहे वोट के दौरान दिखा। उम्मीदवार और कार्यकर्ता आखिरी क्षण तक मतदाताओं की जी हुजूरी करते नजर आए और अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते दिखे।
कई स्थानों पर उम्मीदवार मतदान केंद्र पर आने वाले मतदाताओं को दूर से ही पहचान कर आवाभगत करते दिखे और यह पूछते नजर आए कि कोई दिक्कत तो नहीं है। मतदान के दिन जिस प्रकार का आदर भाव और सत्कार मतदाताओं को मिल रहा था, उससे कई मतदता यह चर्चा करते नजर आ रहे थे कि चुनाव जीत जाने के बाद नेता ऐसा मुंह फेरते हैं, मानो कभी वोट के लिए इन्होंने जी हुजूरी की ही नहीं हो।
निर्दलीय सक्रिय
क ई सीटों पर आप, भाजपा और कांग्रेस व छोटे राजनीतिक दलों से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार सक्रिय दिखे। पुरानी दिल्ली इलाके के एक बूथ पर जब बेदिल ने परचा काटने वालों से जायजा लेना चाहा तो पता चला कि यहां तीन टेबल सिर्फ निर्दलीय उम्मीदवारों के लगे हैं। बेदिल ने जब खोजबीन की और कुछ मतदाताओं से पार्टियों के टेबल नहीं होने के बारे में पूछा तो पता चला कि उनके उम्मीदवारों की छवि यहां वैसी नहीं है जैसी निर्दलीय ने बना रखी है। अलबत्ता उन्होंने अपनी टेबल दूसरी जगह पर केंद्रित कर अपना पैसा यहां बर्बाद नहीं करने का मन बना लिया।
रौब का मौका
निगम चुनाव में निर्वाचन अधिकारी और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों से कहीं ज्यादा पुलिस की सक्रियता दिखी। इसके पीछे का कारण जानने पर पता चला कि दरअसल उन्हें रौब दिखाने का मौका चुनाव में ज्यादा मिलता है, इसलिए वे सक्रियता भी बढ़ा देते हैं। बेदिल के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग के एक बूथ पर जाने के दौरान पुलिस वालों ने रोका और इसका कारण पूछने पर बताया कि आदेश है कि कोई भी आएगा तो साहब की अनुमित से। जब बेदिल ने कहा कि यहां तो साहब सेक्टर अधिकारी होते हैं तो पुलिस वालों ने कहा कि हमारे भी तो अधिकारी मौजूद हैं।
-बेदिल