भारत सरकार की ओर से अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्क्रिय करने के फैसला लिया गया था। अब इसके एक साल के अंदर ही जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले एक आईएएस अफसर को पहली बार राज्य का निवासी प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। आईएएस अफसर नवीन कुमार चौधरी बिहार के दरभंगा जिले से नाता रखते हैं और अब तक जम्मू के पशुपालन विभाग में प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
चौधरी को इसी हफ्ते बुधवार को जम्मू के बहु जिले के तहसीलदार ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया। 1994 बैच के जम्मू-कश्मीर काडर के आईएएस अधिकारी चौधरी पिछले 26 साल से जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे इस केंद्र शासित प्रदेश की नागरिकता चाहिए थी, इसलिए मैंने आवेदन कर दिया। मैं जम्मू-कश्मीर में नौकरी नहीं चाहता, क्योंकि पहले से ही मेरे पास सरकारी नौकरी है। मेरी रिटायर होने के बाद गुरुग्राम में रहने की योजना है। लेकिन मुझे यहां का निवासी प्रमाण पत्र भी मिल गया।
गौरतलब है कि अभी निवासी प्रमाण पत्र के जरिए कोई भी व्यक्ति केंद्र शासित प्रदेश में नौकरी पा सकता है या सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेशों के मौजूदा कानूनों में बदलाव किए बिना बाहर के लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते। सूत्रों का कहना है कि अब तक 33 हजार लोगों ने इस केंद्र शासित प्रदेश में निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था। करीब 25 हजार को निवासी प्रमाण पत्र जारी भी हो चुके हैं। हालांकि, कश्मीर के लिए डोमिसाइल का आवेदन करने वालों की संख्या जम्मू के मुकाबले काफी कम है।
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर में नए डोमिसाइल कानून (संशोधन) को मंजूरी दी थी। इसमें उन लोगों को स्थायी निवासी के रूप में मान्यता दी गई थी, जिन्होंने कम से कम 15 साल जम्मू-कश्मीर में निवास किया हो या जिन लोगों ने यहां पर सात साल तक पढ़ाई की हो और इसी राज्य के स्कूलों में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं दी हों।