सरकार के कदमों को आमतौर पर तो किसानों और गरीब तबके की भलाई के लिए ही देखा जाता है, हालांकि यह सिर्फ तब तक ही है, जब तक यह वर्ग अधिकारी और शासन की बातें सुनता रहे। आवाज उठाने या विरोध करने पर ये वर्ग सबसे पहले अफसरों के गुस्से का शिकार बनता है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जालोर से भी आया है। यहां जब एक एक्सप्रेस-वे को लेकर किसान एसडीएम का घेराव करने लगे, तो अधिकारी ने उन्हें लात मार दी। अब इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
बताया गया है कि भारत माला परियोजना के तहत एक एक्सप्रेस-वे अमृतसर से जामनगर तक बन रहा है। इसका निर्माण गुरुवार को ही प्रतापुर में शुरू हुआ। लेकिन किसानों ने इसका निर्माण रुकवा दिया। जब एसडीएम इसका मुआयना करने पहुंचे, तो एक किसान जेसीबी के आगे बैठ गया। इसी बीच एसडीएम एक अन्य किसान को उंगली दिखाते हुए उसकी ओर बढ़ गए। तभी एक ग्रामीण ने पुलिसकर्मी के हाथ से लाठी छुड़ाने की कोशिश की, तो एसडीएम ने उसे लात मार दी। इसके बाद वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया।
#सांचौर (JALORE) प्रतापपुरा गाँव मे SDM ने किसानों के ऊपर लातो के की हाथापाई किसान उचित मुआवजा नहीं मिलने से कर रहे थे प्रदर्शन @PMOIndia @RajCMO @CMHelpdesk @nstomar @KailashBaytu @devjimpatel @MlaSanchore @RatanDevasiINC @PuraramMLA @goverdhanrti @jogeshwarg pic.twitter.com/wqFdliGKw2
— भरतसिंह गेनावत (@JAGARAWAL) July 16, 2021
वीडियो में साफ है कि आक्रोशित किसान और पुलिस के बीच की धक्का-मुक्की बाद में हाथापाई में बदल गई। हालांकि, किसी तरह पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। बताया गया है कि इस मामले में किसानों के खिलाफ ही राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज हुआ है।
क्यों प्रदर्शन के लिए उतरे हैं किसान?: गौरतलब है कि इलाके की एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, वहां बाजार दर करीब 10 लाख रुपए प्रति बीघा है। लेकिन इस जमीन के लिए डीएलसी दर- 45000 रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा दिया जा रहा है। इसे लेकर किसान दो साल पहले हाईकोर्ट गए थे। तब यह मामला दो जजों की बेंच को ट्रांसफर किया गया, लेकिन कोरोना के चलते अब तक सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई। बताया गया है कि 90 फीसदी किसानों ने अभी तक मुआवजा लिया भी नहीं है। उधर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने जा रही कंपनी कोर्ट के फैसले तक नहीं रुकना चाहती।
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SDM ने दी सफाई: इस बीच एसडीएम भूपेंद्र यादव ने कहा कि किसानों ने कार्य रुकवा दिया था, जिसको लेकर मौके पर पहुंचे। समझाइश कर रहे थे कि एक किसान ने मेरी तरफ लकड़ी उठा दी, बचाव में लात मारी। हाईकोर्ट का कोई स्टे तो आया हुआ है नहीं। एसडीएम ने सफाई में कहा कि किसान उनकी तरफ लाठी लेकर बढ़ रहा था, इसलिए उन्हें बचाव में उसे लात मारनी पड़ी। फिलहाल इस मामले में पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दी है।