Manish Sisodia News: आबकारी नीति मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए सिसोदिया को कम से कम 5 अप्रैल तक तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
ईडी द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच मनीष सिसोदिया को बुधवार (22 मार्च) को आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में लाया गया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इससे पहले सीबीआई केस में कोर्ट ने उन्हें 3 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को मनीष सिसोदिया की आगे की रिमांड नहीं मांगी, जिसके बाद अदालत ने AAP नेता को 5 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया ने जेल में पढ़ने के लिए कुछ और किताबें देने के लिए एप्लिकेशन दी थी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि वो जो किताबें चाहते हैं उन्हें दे दी जाए।
मनीष सिसोदिया की बेल पर सुनवाई
इससे पहले मंगलवार को मनीष सिसोदिया को बेल दिए जाने को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अब इस मामले को 24 मार्च के लिए लिस्ट किया है। कोर्ट में सीबीआई और मनीष सिसोदिया के वकीलों ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत के विरोध और पक्ष में अपने-अपने तर्क रखे। दिल्ली के आबकारी नीति से जुड़े मामले में आप नेता को मंगलवार को भी जमानत नहीं मिली।
जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने कहा कि उनकी पत्नी बीमार रहती है और उनकी देखरेख करने के लिए सिसोदिया के सिवा कोई नहीं है, उनका बेटा विदेश में पढ़ता है। मनीष सिसोदिया की जमानत पर अब अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। सीबीआई की तरफ से कहा गया कि मनीष सिसोदिया को जमानत न दी जाए क्योंकि अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो जांच प्रभावित होगी। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया प्रभावी व्यक्ति हैं और अगर वह जमानत पर बाहर आते हैं तो वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इस दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा बार-बार फोन बदला जाना कोई नॉर्मल बात नहीं बल्कि यह सबूत मिटाने के लिए किया गया था।