उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अंसारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी ने गाजीपुर और लखनऊ में दर्ज मुकदमों को आधार बनाते हुए उसके खिलाफ यह कार्रवाई की है। मुकदमे के जरिए मुख्तार की काली कमाई और अवैध संपत्तियों का पता लगाया जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायक के खिलाफ पहले ही आपराधिक मुकदमों के साथ जमीनों की हेराफेरी, अवैध कब्जे व गबन आदि के केस दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर में धोखाधड़ी कर विधायक निधि निकालने व अन्य आरोप में केस दर्ज कराया गया था। उनपर विधायक निधि से 25 लाख रुपये के गबन का आरोप है। ईडी की जांच के दायरे में मुख्तार की मां, पत्नी और बेटे भी आ सकते हैं। देश के कई राज्यों के साथ ही नेपाल में भी मुख्तार की बेनामी संपत्ति होने का आरोप है।
इसके अलावा लखनऊ में भी इसी तरह धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित करने के मामले में उस पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इन्हीं मुकदमों को आधार बनाते हुए अब ईडी की प्रयागराज इकाई ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि जांच के दौरान उसकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जाएगा। पता लगाया जाएगा कि इन संपत्तियों को बनाने में धन कहां से आया। इसके बाद ऐसी सभी संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं 4200 करोड़ के स्मारक घोटाला मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 3 दर्जन से ज्यादा सरकारी अफसरों पर भी विजिलेंस टीम शिकंजा कसने की तैयारी में है। सभी अफसरों को विजिलेंस टीम की तरफ से नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस नोएडा और लखनऊ में बने अंबेडकर स्मारक घोटाला मामले में जारी किया गया है। स्मारक बनाने में लगे पत्थरों की सप्लाई मामले में विजिलेंस टीम इन अफसरों के बयान दर्ज करेगी। इस घोटाले में अब तक 23 आरोपी गिरफ्तारी के बाद जेल जा चुके हैं।