कर्नाटक चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा की अवधि 24 मई को समाप्त हो रही है, इसलिए उसके पहले चुनाव करा दिए जाएंगे। बता दें कि कर्नाटक में अभी बीजेपी की सरकार है और बसवराज बोम्मई राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
इस बार चुनाव आयोग 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं को विशेष सुविधा प्रदान करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “पहली बार हम कर्नाटक में सभी 80+ और विकलांग मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने जा रहे हैं। यदि वे चाहें तो अपने घरों से भी मतदान कर सकते हैं। एक फॉर्म 12डी है जो अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर उपलब्ध होगा ताकि घर से मतदान करने के इच्छुक किसी भी 80+ या पीडब्ल्यूडी मतदाता को सुविधा मिल सके।”
चुनाव आयोग (Election Commission of India) की तीन सदस्यीय टीम तैयारियों की समीक्षा के लिए कर्नाटक के तीन दिवसीय दौरे पर है। चुनाव आयोग ने एक ट्वीट में कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बेंगलुरु में हैं।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी। सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चरण में आगामी विधानसभा चुनाव कराने की मांग करते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने चुनाव आयोग से राज्य में आदर्श आचार संहिता को तुरंत लागू करने का आग्रह किया है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।
गुरुवार को बेंगलुरु में राजनीतिक दलों के साथ बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त को सौंपी गई एक याचिका में पार्टी ने कहा, “यह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मतदाता प्रलोभन को रोकने के लिए है।” केपीसीसी के उपाध्यक्ष वी.एस. उगरप्पा और पीआर रमेश ने कहा, “चरणबद्ध तरीके से चुनाव कराने से केवल प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल के अन्य मंत्रियों द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग रोकने में मदद मिलेगी।”