शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता जीबछ झा का निधन बाबूबरही (मधुबनी) जिले के जाने-माने शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता जीबछ झा का शुक्रवार की सुबह 4 बजे अपने भटचौड़ा स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। निधन की सूचना मिलते ही गांव समेत पूरे पंचायत में शोक की लहर दौड़ गई। स्व. झा एक सच्चे समाजसेवी थे। गांव एवं पंचायत के विकास के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। गांव में हाईस्कूल, अस्पताल और बैंक की स्थापना में उन्होंने महती भूमिका निभाई।
पंचायत के सर्वांगीण विकास सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वे अंतिम सांस तक जद्दोजहद करते रहे। क्षेत्र में बाढ़ आई हो या अकाल पड़ा हो, समाज की मदद के लिए हमेशा समर्पित रहते थे और स्थानीय प्रशासन को हमेशा पंचायत की समस्याओं से रूबरू कराते रहते थे। पंचायत से होकर गुजरने वाली नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं आने के बावजूद सरकार द्वारा राजस्व वसूलने के खिलाफ उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में गुहार लगाई और मुकदमा जीतकर अपने क्षेत्र के लोगों को सरकारी उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई।
ज्ञात हो कि उस समय राजस्व नहीं देने पर सरकारी अमला किसानों के बैल, भैंस गाय आदि नीलाम कर देते थे। स्वर्गीय झा शिक्षक के साथ-साथ लंबे समय तक भटचौड़ा पंचायत के सरपंच की भूमिका भी निभाई। उन्होंने जीवन पर्यंत सामाजिक सदभाव बनाकर रखने में अहम भूमिका निभाई है। झा के निधन की सूचना मिलते ही पंचायत में शोक की लहर दौड़ गई। समाज के सभी तबके के लोग भारी संख्या में उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना दी। उनके अंतिम संस्कार में परिवार-रिश्तेदारों के अलावा क्षेत्र के दूसरे लोग मौजूद रहे। मुखाग्नि झा के ज्येष्ठ पुत्र अमरनाथ झा ने दी।
उनके निधन पर बिहार सरकार के सिंचाई मंत्री संजय झा, बाबूबरही के विधायक मीना कुमारी, झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल, लदनिया प्रखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र झा, झंझारपुर के विधायक एवं पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा, बिहार सरकार के पूर्व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री गुनानंद झा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा, डॉ. राम नारायण झा, डॉ. हरिनारायण, समाजसेवी डॉ. बीरबल झा, प्रीतनारायण झा, अपर आयुक्त वाणिज्य कर मोहन झा, राम नारायण झा, भटचौड़ा पंचायत के मुखिया आशा देवी, सरपंच पुतुल कुमारी, पूर्व मुखिया सुनील रौत आदि ने शोक संवेदना जताते हुए कहा कि स्व. झा का असामयिक निधन अपूर्णनीय क्षति है। उनके सामाजिक योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हम लोग ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनको अपने चरणों में स्थान दे और शोकसंतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करे।
स्वर्गीय झा अपने पीछे चार पुत्र अमरनाथ झा, विश्वनाथ झा, शशिनाथ झा, इशनाथ झा, पुत्रवधुएं सुनीता झा, सारिका झा, माधवी झा, वंदना झा, बेटी मीरा झा एवं नाती-पोतों से भरा-पुरा परिवार छोड़ गये हैं।