राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बजट में प्रस्तावित कामों से कई महत्वपूर्ण कामों को निर्धारित समय में पूरा करने में नाकाम रही है। इसमें राजधानी में प्रदूषण से निपटने के लिए 1000 ई-बसों की खरीद के साथ अनधिकृत कालोनियों में पानी की पाइपलाइन बिछाने तक का काम भी शामिल है।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को अपना आउटकम बजट पेश किया। इसमें डीटीसी की खस्ता हाल सामने आई। डीटीसी का औसत फ्लीट यूटिलाइजेशन 87 प्रतिशत से गिरकर 84.63 तक पहुंच गया। दिल्ली सरकार ने ऑपरेटिंग फ्लीट का 2019-20 का लक्ष्य 90 फीसदी रखा है।
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की 1000 ई-बसों की खरीद वाली महत्वाकांक्षी परियोजना में आदर्श आचार संहिता के कारण कम से कम एक साल की देरी हो चुकी है। बजट रिपोर्ट में कहा गया है कि संशोधित अनुसूची के अनुसार ई-बसों की खरीद के लिए 10 जुलाई 2019 को निविदा प्राप्त होगी।
सरकार ने इस साल 2 मार्च को 385 बसों के पहले बेड़े की खरीद की मंजूरी दी थी। इन बसों की खरीद के लिए 10 मार्च को टेंडर निकाले गए थे लेकिन चुनाव के कारण इसमें देरी हो गई। दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी लक्ष्यों को हासिल करने में असफल रही है।
दिल्ली सरकार ने साल 2018-19 में 530 मोहल्ला क्लिनिक बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन एक साल के दौरान सिर्फ 191 मोहल्ला क्लिनिक ही बनाए जा सके। सरकार ने 2019-20 के लिए भी 530 मोहल्ला क्लिनिक बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार की तरफ से अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की सप्लाई के लिए 5300 किलोमीटर नई पाइपलाइन बिछाने का लक्ष्य था। जबकि 4413 किलोमीटर ही पानी की पाइपलाइन बिछाई जा सकीं।
वहीं 1521 अनधिकृत कॉलोनियों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य था लेकिन 1374 कॉलोनियों में सरकार पानी पहुंचाने में कामयाब रही। सरकार ने 2019-20 में अनधिकृत कॉलोनियों में 4700 किलोमीटर पानी की नई पाइपलाइन बिछाने का लक्ष्य रखा है। वहीं 1525 अनधिकृत कॉलोनियों में पानी पहुंचाया जाएगा।

