Delhi Riots Case: दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार (31 जनवरी, 2023) को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) अधिकारियों को उमर खालिद (Umar Khalid), शिफा-उर-रहमान (Shifa ur Rehman), शारजील इमाम (Sharjeel Imam), मीरान हैदर (Meeran Haider), गुलफिशा फातिमा (Gulfisha Fatima), अतहर खान (Athar Khan) और तस्लीम अहमद (Tasleem Ahmed) को सप्ताह में तीन बार पांच मिनट के लिए प्रिजनर कॉलिंग की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया। यह सभी लोग 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित बड़ी साजिश मामले में आरोपी हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि दिल्ली जेल नियमावली के नियम 631 और 2 सितंबर 2022 को तिहाड़ जेल द्वारा जारी सर्कुलर के तहत शर्तों के साथ यह सुविधा प्रदान की जाएगी।
सर्कुलर में हाई सिक्योरिटी वाले कैदियों या दिल्ली जेल नियमों के नियम 631 के तहत निर्दिष्ट कैदियों को कॉल करने की सुविधा के लिए कुछ निर्देश दिए गए। नियम के मुताबिक, ‘जो कैदी राज्य के खिलाफ अपराधों, आतंकवादी गतिविधियों, मकोका, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम में शामिल हैं और अन्यथा कई जघन्य अपराधों में शामिल हैं, वे सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के हित में इस सुविधा के पात्र नहीं होंगे।’
कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा अपने परिवार के सदस्यों के साथ पांच मिनट की कॉलिंग सुविधा जारी रखने की मांग करने वाले आवेदनों का निस्तारण किया, जिसे जेल अधिकारियों ने कथित रूप से रोक दिया। उनका मामला यह है कि उनकी न्यायिक हिरासत की शुरुआत के बाद से उन्हें रोजाना पांच मिनट की फोन कॉल की सुविधा प्रदान की जाती थी, जिसे बंद कर दिया गया। इस पर, कानून अधिकारी, जेल (मुख्यालय) ने अदालत को सूचित किया कि विभिन्न जेल इंस्पेक्टरों द्वारा ‘दिल्ली जेल नियमों का कुछ उल्लंघन’ किया गया, जो इसका पालन करने में विफल रहे।
यह देखते हुए कि कैदी या विचाराधीन कैदी जो राज्य के खिलाफ अपराधों, आतंकवादी गतिविधियों आदि में शामिल हैं, सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के हित में कैदी टेलीफोन कॉल सुविधा के लिए पात्र नहीं हैं, कोर्ट ने कहा कि आवेदक गैरकानूनी गतिविधियों के तहत आरोपी (रोकथाम) अधिनियम ‘नियम 631 के संदर्भ में सुविधा के लिए पात्र नहीं हैं।’ हालांकि, इसने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत की शुरुआत के बाद से पांच मिनट के लिए दैनिक आधार पर सुविधा दी गई।
कोर्ट ने कहा कि विभिन्न जेल इंस्पेक्टर द्वारा अलग-अलग तरीकों के कुछ उदाहरण सामने आए हैं। संबंधित कानून अधिकारी, जेल (मुख्यालय) द्वारा यह काफी हद तक स्वीकार किया गया कि जेल प्राधिकरण का दृष्टिकोण उचित और सही नहीं है और जेल नियमों की अवहेलना करता है।
कोर्ट ने की जेल अधिकारियों की खिंचाई
जेल अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन को अपने घर को व्यवस्थित करना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही किसी भी आरोपी के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के निरंतरता बनाए रखना चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सूचना और अनुपालन के लिए संबंधित जेल इंस्पेक्टर को आगे प्रसारण के लिए आदेश डीजी (जेल) को भेजा जाए।