राजधानी में आने वाले दिनों में मोहल्ला सभाएं यह तय करेंगी कि उनके इलाके में शराब की दुकान खुलेगी या नहीं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा के विशेष सत्र में मंगलवार को शराब नीति पर पूछे गए एक सवाल में जवाब में यह बात कही। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के कार्यकाल में शराब की दुकानें ज्यादा खुली हैं। सिसोदिया ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का राजधानी में शराबबंदी पर रोक का फिलहाल कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की भी जांच भी करवाएंगे कि दिल्ली में किस नेता की शराब की दुकानें हैं।
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन आप विधायक पंकज पुष्कर ने राजधानी में शराब की दुकानों पर कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि दिल्ली में शराब की नई दुकानें खोलने या फिर लाइसेंस देने से पहले क्या आम जनता से कोई आपत्ति प्राप्त हुई या फिर क्षेत्र की जनता की राय ली गई? इस सवाल पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार पर कुछ दिनों से लगातार शराब को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि उनकी सरकार ने रिहायशी इलाकों में शराब क ी दुकानें बंद करवाई हैं। उन्होंने सदन में कहा कि साल 2014-15 में दिल्ली में शराब की 380 दुकानें थीं, जो अब सिर्फ 386 हुई हैं। उन्होंने बताया कि कई विधायकों की शिकायत के बाद शराब की दुकानों को बंद करवाया गया है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति बनाई है, जिसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने उसे मंजूरी दे दी है।
सिसोदिया ने सदन को बताया कि नई शराब नीति लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। दिल्ली में शराब की जो मौजूदा दुकानें हैं या फिर जो नई दुकानें खोलने का सरकार के पास प्रस्ताव है, उस बारे में फैसला अब आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर नहीं बल्कि वहां की जनता करेगी। सिसोदिया ने कहा कि राजधानी में मोहल्ला सभाएं हैं। ये सभाएं उस इलाके के लोगों की एक बैठक बुलाएंगी, जहां शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि उस बैठक में महिलाओं की मौजूदगी ज्यादा होनी चाहिए। अगर उस क्षेत्र की 15 फीसद जनता तय करेगी कि उनके क्षेत्र में शराब की दुकान नहीं खुलनी चाहिए, तो जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए वहां शराब की दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सिसोदिया ने विपक्ष के इस आरोप को भी बेबुनियाद बताया कि शराब की नई दुकानें खुलने से दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ा है। उन्होंने कहा कि असलियत यह है कि आबकारी विभाग में जो राजस्व बढ़ा है, वह शराब की दुकानें खुलने से नहीं बल्कि शराब की चोरी रुकने से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शराब की चोरी पर रोक लगाई है। उस रोक की वजह से ही आबकारी विभाग का राजस्व बढ़ा है।
आप विधायक पंकज पुष्कर ने सवाल किया कि मोहल्ला सभाओं के अधिकारिक अधिकार क्या होंगे? उन्होंने उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर सदन को सीधी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया। वहीं विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में शराब की दुकानें लगातार खुल रही हैं। उन्होंने कहा कि शराब से राजस्व बढ़ने का मतलब नई दुकानें खुलना है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन उन्हें उसकी इजाजत नहीं दी गई। इसलिए वे इस मुद्दे पर सदन का बहिष्कार कर रहे हैं। इतना कहकर विजेंद्र गुप्ता और उनके साथी विधायक जगदीश प्रधान सदन से उठकर करके चले गए।
विधानसभा ने मंगलवार को होटलों के कमरों पर लगने वाले विलासिता कर संबंधी संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस कदम से दिल्ली के पर्यटन, व्यापार और आम जनता को फायदा होगा। संशोधक विधेयक के मुताबिक, अब 1500 रुपए प्रतिदिन तक के किराए वाले कमरों पर विलासिता कर नहीं देना होगा। विलासिता कर की सीमा पहले 750 रुपए प्रतिदिन थी। सिसोदिया ने कहा 750 से 1200-1500 रुपए खर्च करने वाला विलासिता की श्रेणी में नहीं आता है, वो आम आदमी है। इस वर्ग के लोग ट्रांजिट के रूप में दिल्ली आते हैं, रिश्तेदारी में आते हैं, कोर्ट केस में लिए आते हैं या छोटे व्यापारी या टूरिस्ट होते हैं जो बजट होटल की तलाश में होते हैं। इससे आम जनता, छोटे होटलों और पर्यटन के साथ-साथ सरकार को भी फायदा है क्योंकि कर संग्रह में होने वाले खर्च में कमी आएगी और संग्रह के लिए बड़ी मशीनरी की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने सोमवार को संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखा था।

