Follow Rules Save Life: सड़कों पर चल रहे आम लोग सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा की गाइडलाइन पढ़ते नहीं है। इससे रोजाना सबसे ज्यादा मौतें दुर्घटना से होती है। लोक निर्माण विभाग में निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि 5 जनवरी से 4 फरवरी तक सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा हैं।
इस अभियान में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल, कालेज, कचेहरी, ब्लाक, तहसील, सरकारी अस्पताल, सरकारी विभागों और सार्वजनिक बाजारों में पंपलेट,बैनर, होडिंग और नुक्कड़ गोष्ठी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिवहन मंत्रालय एक घंटे में 80 किमी का सफर तय करने के लिए गाइडलाइन जारी कर रखा है। इस रफ्तार में खतरा जीरो फ़ीसद माना जाता है। लेकिन जैसे जैसे वाहन की गति बढ़ती जाती है। वैसे वैसे खतरा बढ़ता जाता है।
88 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर 1.70 मिनट की बचत और 1.5 गुना खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह 96 किमी प्रति घंटे में 3.13 मिनट की बचत और 2 गुना खतरा,105 किमी प्रति घंटे में 4.47 मिनट की बचत 3 गुना खतरा,112 किमी प्रति घंटे में 5.36 मिनट की बचत और 4 गुना खतरा,120 किमी प्रति घंटे में 6.25 मिनट की बचत और 6 गुना खतरा,128 किमी प्रति घंटे में 7.03 मिनट की बचत और 8 गुना खतरा और 136 किमी प्रति घंटे के सफर में 7.72 मिनट की बचत और 12 गुना अधिक खतरा बढ़ जाता है।
साथ में निर्दोष लोगों की जान भी लेकर चले जाते हैं।अजय कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग ज्यादा दुर्घटना वाली सड़कों को चिंहित कर रखा हैं। इसके लिए चिंहित सड़कों पर सफेद पट्टी, सड़क ख़राब है, धीरे चले, रम्बल स्ट्रिप, कैट्स आइ और मुड़ने के तीर निशान बनाने के लिए पत्र भेजा है। अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक डॉ इलामारन के पत्र में मुंशीगंज,जामो, अमेठी, संग्रामपुर, पीपरपुर, रामगंज, मुसाफिरखाना, जगदीशपुर, बाजार शुकुल, कमरौली, मोहनगंज, शिवरतन गंज,इहौना, फुरसतगंज और जायस को जोड़कर करीब सौ सड़कों के नाम और स्थान है।
निर्माण खंड में सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा अभियान चल रहा है। लेकिन प्रांतीय खंड में अभियान कागज़ पर चल रहा है। प्रांतीय खंड के अवर अभियंता आठ साल दस साल से एक ही स्थान पर जमे हैं। जिससे अभियंताओं के हिसाब से विभाग चल रहा है। यही हाल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अफसरों का भी है।