CIC ने NIC से ये भी बताने के लिए कहा कि जब आरोग्य सेतु ऐप वेबसाइट में उल्लेख किया गया है कि प्लेटफॉर्म को डिजाइन, डेवलप और हॉस्ट किया गया तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि उन्हें ऐप निर्माण के बारे में कोई जानकारी ना हो। मामले में सूचना आयुक्त वानजा एन. सरना ने आदेश दिया कि आयोग सीपीआईओ, एनआईसी को निर्देश देता है कि वो इस मामले में लिखित रूप से बताए कि वेबसाइट https://aarogyasetu.gov.in को gov.in डोमेन नाम से कैसे बनाया गया, अगर उनके पास इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
सीआईसी ने आगे कहा कि सीपीआईओ में से कोई भी इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहा कि ऐप किसने बनाया, फाइलें कहा हैं और ये बहुत बेहूदा है। आयोग ने कारण बताओ नोटिस डिप्टी डायरेक्टर एंड सीपीआईओ एसके त्यागी, डिप्टी डायरेक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स डीके सागर और (HR और Admn) और CPIO NeGD के सीनियर जनरल मैनेजर आरए धवन को भी जारी किया।
हालांकि मामले में अब सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए रिकॉर्ड समय में सार्वजनिक निजी सहयोग से ऐप को तैयार किया गया। ऐप काफी पारदर्शी तरीके से विकसित किया गया था। आरोग्य सेतु ऐप को लगभग 21 दिनों के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि आरोग्य सेतु ऐप के संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए और भारत में कोविड-19 को रोकने में मदद करने में इसकी काफी भूमिका रही है।
बता दें कि ये नोटिस ऐसे समय में जारी किए गए जब सौरव दास नाम के शख्स ने इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करवाई। इसमें कहा गया कि संबंधित अथॉरिटी अर्थात NIC, NeGD, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) उन्हें आरोग्य सेतु ऐप के निर्माण की प्रक्रिया और इसके निर्माण से संबंधित अन्य जानकारी के बारे में सूचना मुहैया कराने में नाकाम रहे।
शख्स ने कहा कि उन्होंने आरटीआई, एनआईसी में दाखिल की थी, जिसने कहा कि वो ऐप निर्माण से संबंधित ‘जानकारी नहीं रखते हैं’ जो कि ऐप डेवलपर के लिए बहुत आश्चर्यजनक है।